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लोकप्रिय,सशक्त एवं सजग प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर समर्पित चंद पंक्तियां

जिन्होंने  दृढ़-संकल्प लिया है; नया इतिहास हमें  गढ़ना है,विकसित राष्ट्रों की सूची में,हिंदुस्तान को शीर्ष पर रखना है.प्रभु!उस नरक्ष्रेष्ठ नरेंद्र मोदी को स्वस्थ,सुखी,दीर्घायु रखना,उन्होंने जो प्रण ठान लिया है,उसे पूरा करने की शक्ति देना.130 करोड़ जनता की शुभकामनाएं हैं नरेंद्र मोदी के साथ,नरेंद्र!तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो,भारत माँ का है आशीर्वाद.

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बच्चों को दे स्वच्छ वातावरण, ताकि खुलकर बोल सके

घर में कोई शादी हो या पूजन – पाठ, या कोई भी अन्य आयोजन, खर्च और रिश्तेदारों की फिकर से इतर इन आयोजनों का सबसे अधिक आनंद इस घर के बच्चे ही उठाते हैं। जिन्हें न खर्च की फिक्र होती है न ही रिश्तेदारों के नखरे झेलने की, वह तो अपनी ही मौज में मस्त…

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अटल सत्य

पता नही क्यो? कोई भा जाता आँखो के रास्ते दिल में समा जाता। पता नही क्यों? उसे दखते ही प्यार उमर जाता आँखे चमक जाती और होठ मुस्कुराता। पता नही क्यों? दिल की धड़कने बढ़ जाती एक एहसास जगा जाती जैसे सपनों में खोया हूँ यह आभास क्यों जगा जाता ? पता नहीं क्यों? अब…

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भाषा का सम्मान विदेशियों से सीखिए ।

विदेशियों से अपनी भाषा की इज़्ज़त कैसे की जाती है ? यह हमें सीखना होगा। सिर्फ ” हिंदी हैं हम, वतन हैं , हिन्दोस्तां हमारा ” गाने से कुछ नहीं होगा। विदेशों में संडास साफ करने वाला भी अंग्रेज़ी बोलता है और भारत में बोलने का स्तर अमीर गरीब बनाता है। बड़े आदमी अंग्रेज़ी बोलेंगे…

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सर्वोत्तम योग

प्रकृति की निराली छटा में गुँजित हैं वेद पुराण निस्वार्थता रस्म जिसकी है परस्पर प्रेम पहचान कितना खूबसूरत है न ईश्वर का बख़्शा हुआ ये मानव जीवन, जिसकी नस नस में वात्सल्य पोषित होता है, किंतु इस अमृत का विष में रूपाँतरण क्यूँ, कब और कैसे हो गया ये गँभीर चिंतन का विषय है।धरती, आकाश,…

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प्रयास कर

ओढ़ कर सोया है सपने, अब  नींद  कैसे  आएगी। चाहता है,भौर खुशियो की, ये चादर कहाँ अब भायेगी।। उठ खड़ा हो , देर ना कर, जिंदगी तेरी बदल जाएगी। कदम बढ़ा कर चलता चल, दुनिया  तेरे  पीछे  आएगी।। काले काले बादलों की छाती को वर्षा की बूंदे जब चीरेंगी। तब  कहीं जाकर  धरती की, गोद …

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जिन खोजा तिन पाईया ,गहरे पानी पैठ!

होम मिनिस्ट्री से उम्मीदे बढ़ गयी है । एकाएक गडकरी चचा की दस बरिश पुरानी दो पहिया प्रदूषण सर्टिफिकेट पाकर ऑक्सिजन उगलने लगी किन्तु यकीन मानिए कल तक उसमे से काला धुँआ निकलते देखा गया था । देश  में एक ग्रहनाशक यज्ञ कराने पर गंभीरता से विचार होना चाहिए काहे से  कि आजकल पूरा भारत…

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जिसकी राष्ट्रभाषा नहीं,वह देश मूक है

डॉक्टर सुधीर सिंह ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ के शुभ अवसर पर समर्पित चंद पंक्तियां:-जिसकी राष्ट्रभाषा नहीं;वह देश मूक है.हिंदी से हिंदुस्तान की पहचानअचूक है.हिंदी हिंदुस्तान  की लोकप्रिय  भाषा है,हिंद की एकता की  उत्कृष्ट परिभाषा है.समृद्ध हिंदी हेतु मिलकर सत्प्रयास करें,आइए!हिंदी में काम करने की शपथ लें.बच्चों को शिक्षा मिले हिंदी के ही जरिए,अंग्रेजी को उसकी दासी…

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हिन्दी फैल रही दुनिया में

हिन्दी हिन्दुस्तान की ही, रही नहीं अब भाषा फैल रही है दुनिया में, बन जन-जन की आशा हिन्दी हिन्दुस्तान की ही रही…….. आजादी में फर्ज निभाया, बनके जैसे फौजी दसों दिशा के लोग बने थे, अजब मनमौजी बनी देश की भाषा यह, दुनिया की अभिलाषा हिन्दी हिन्दुस्तान की ही रही…….. दुनिया में हिन्दी बिना अब,…

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हिंदी भाषा की उत्पत्ति एवं विकास एवं अन्य भाषाओँ का प्रभाव (हिंदी दिवस पर विशेष )

डॉ सुशील शर्मा प्रारम्भिक अवस्था में मानव ने अपने भावों-विचारों को अपने अंग संकेतों से प्रषित किया होगा बाद में इसमें जब कठिनाई आने लगी तो सभी मनुष्यों ने सामाजिक समझौते के आधार पर विभिन्न भावों, विचारों और पदार्थों के लिए अनेक ध्वन्यात्मक संकेत निश्चित कर लिए। यह कार्य सभी मनुष्यों ने एकत्र होकर विचार…

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