![श्री हनुमानजी का जन्म महोत्सव का भव्य आयोजन](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2023/04/WhatsApp-Image-2023-04-01-at-6.32.53-PM.jpeg)
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![नाटिका : “मिच्छामी दुक्कडम “](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/suman-dharmvir-e1721212933792-305x400.jpg)
नाटिका : “मिच्छामी दुक्कडम “
पात्र परिचय: 1 नव्या एक स्कूल गर्ल। उम्र 17 वर्ष2_ नीलू कॉलेज गर्ल उम्र 18 वर्ष3_झलक कॉलेज बॉय उम्र 20 वर्ष4_ मां उम्र 50 वर्ष5 पिता उम्र 54 वर्ष 6 नाना जी (बूढ़े आदमी साधु यानी भिक्षु वेश में) उम्र 75 वर्ष7_ नानी जी (बूढ़ी महिला साध्वी वेश में श्वेतांबरी सफेद साड़ी पहने हुए, मुंह…
![बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक है इसे रोकना जरुरी : लाल बिहारी लाल](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/IMAGE-OF-POPULATION-600x400.jpg)
बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक है इसे रोकना जरुरी : लाल बिहारी लाल
================================================================ आज जनसंख्या रोकने के लिए सबको शिक्षा होनी चाहिये जिससे इसे कम करने में मदद मिलेगी शिक्षा के साथ-साथ जागरुकता की सख्त जरुरत है ताकि देश उनन्ति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ सके । वर्ष 2021 में असम सरकार इस ओर सख्त पहल की है और उ.प्र. सरकार भी आज जनसंख्या स्थिरिकरण…
![लघुकथा – मैसेज (डॉ. कल्पना पांडेय ‘नवग्रह’)](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/06/dr-kalpana-pandey-e1718612581914-350x400.jpg)
लघुकथा – मैसेज (डॉ. कल्पना पांडेय ‘नवग्रह’)
बच्चे का दाखिला अच्छे कॉलेज में हो गया था। हाँ, उसकी मेहनत रंग लाई थी। उम्मीदों अरमानों के साथ हॉस्टल में व्यवस्था करा, माता-पिता।अश्रुपूरित आँखों से संबंधों-रिश्तों की मिठास भरे घर लौट आए। रीमा! कितना खाली-खाली लग रहा है। बच्चों की शरारत,उछल-कूद बड़ी याद आ रही। सच कहते हो, यहाँ उसके रहने से कुछ तो…
![फर्क](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/prachi-aggarwal-e1719905704536-400x400.jpg)
![आधुनिक समाज में मंचों से साहित्य थूकना सरल](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/04/IMG_20240214_072742-2-600x400.jpg)
आधुनिक समाज में मंचों से साहित्य थूकना सरल
पंकज कुमार मिश्रा, व्यंग्यकार एवं राजनीतिक विश्लेषक जौनपुर यूपी कहते है जिस आधुनिक युग में तुलसी शब्द सुन कर बड़े बड़े कवियों को ‘तुलसी पान मसाला’ याद आता हो, उस युग में एक बड़े धार्मिक आयोजन के बैनर पर रजनीगंधा गुटका का विज्ञापन देखना बुरा क्यों है ? प्रायोजक चाहता है ‘सईंया’ ‘पियवा’ से…
![संतोष (लघुकथा)](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/manish-kumar-patidar.jpg)
संतोष (लघुकथा)
शाम होते-होते सूरज ढलने लगा। उम्मीदों के दीप बूझने लगे मगर सबको अपना-सा लगने वाला रमेश फिर कभी उन लोगों के बीच कभी नहीं लौटा जिनके लिए आधी रात को भी मुसीबत आए तो तैयार हो जाता था। गॉंव छोड़ शहर की नौकरी में ऐसा उलझा की घर बसाना ही भुल गया। गॉंव भी…
![क्या हुआ तेरा वादा……….. ! – कुशलेन्द्र श्रीवास्तव](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2022/04/kushlendra-photo-e1684246632384.jpg)
क्या हुआ तेरा वादा……….. ! – कुशलेन्द्र श्रीवास्तव
राजनीतिक सफरनामा राजनीति तो वायदों का ही खेल है । ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई राजनीति करे और वायदा न करे और फिर चुनावों में….चुनावों में तो वायदे पानी की तरह बहते दिखाई देता है, वह चुनाव चाहे सरपंच का हो या लोकसभा का । इतने वायदे किए जाते हैं कि वायदा करने…
युवाओं को अपनी संस्कृति, कला और विरासत से जोड़कर बनायें एक श्रेष्ठ नागरिक – पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
युवा आने वाले कल के भविष्य हैं। इनमें आरम्भ से ही अपनी संस्कृति, कला, विरासत, नैतिक मूल्यों के प्रति आग्रह पैदा कर एक श्रेष्ठ नागरिक बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के इस अनियंत्रित दौर में उनमें अध्ययन, मनन, रचनात्मक लेखन और कलात्मक प्रवृत्तियों की आदत न सिर्फ उन्हें नकारात्मकता से दूर रखेगी अपितु उनके…
![रेशमा : डॉ सरला सिंह “स्निग्धा”](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/06/dr-sarla-singh-600x400.jpg)
रेशमा : डॉ सरला सिंह “स्निग्धा”
रेशमा एक बहुत ही सीधी-सादी लड़की थी । जहां उसके साथ की लड़कियां फ़ैशन ,टीवी और मोबाइल में लगी रहती थी वहीं वह उम्र से पहले ही बड़ी हो चुकी थी। रेशमा का पिता शराबी था वह दर्जी का काम किया करता था परन्तु सारी की सारी कमाई अय्याशी और शराब पर लुटा दिया करता…
![10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बहाने](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/05/dr-manoj-kumar-579x400.jpg)
10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बहाने
वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 21 जून उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन भी होता है। योग कोई सरल प्रक्रिया नहीं है और ना ही प्रदर्शन की वस्तु है। योग मनुष्य को स्वस्थ जीवन के साथ मोक्ष के…