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अपनी कटु हंसी पर फ़िदा महंगाई

राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव हाय ! कितनी प्यारी कटु हंसी से हंसे वे । वे तो भूल भी गए कि वो एक राज्य के कृषि मंत्री हैं । नेता तो ऐसे ही भूल जाते हैं, उवे च्यवनप्रास खाते हुए भी भूलने की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं । उत्तर प्रदेष के कृषि मंत्री…

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ग्लोबल वार्मिंग प्रमुख वैश्विक समस्या

ग्लोबल वार्मिंग वर्तमान समय की प्रमुख वैश्विक पर्यावरणीय समस्या है। यह एक ऐसा विषय है कि इस पर जितना सर्वेक्षण और पुनर्वालोकन करें, कम ही होगा। आज ग्लोबल वार्मिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिज्ञों, पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों की चिंता का विषय बना हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड की…

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बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक है इसे रोकना जरुरी : लाल बिहारी लाल

================================================================ आज जनसंख्या रोकने के लिए सबको शिक्षा होनी चाहिये जिससे इसे कम करने में मदद मिलेगी शिक्षा के साथ-साथ जागरुकता की सख्त जरुरत है ताकि देश उनन्ति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ सके । वर्ष 2021 में असम सरकार इस ओर सख्त पहल की है और उ.प्र. सरकार भी आज जनसंख्या स्थिरिकरण…

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आधुनिक समाज में मंचों से साहित्य थूकना सरल

   पंकज कुमार मिश्रा, व्यंग्यकार एवं राजनीतिक विश्लेषक जौनपुर यूपी कहते है  जिस आधुनिक  युग में तुलसी शब्द सुन कर बड़े बड़े कवियों को ‘तुलसी पान मसाला’  याद आता हो, उस युग में एक बड़े धार्मिक आयोजन के बैनर पर रजनीगंधा गुटका का विज्ञापन देखना बुरा क्यों है ? प्रायोजक चाहता है ‘सईंया’ ‘पियवा’ से…

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क्या हुआ तेरा वादा……….. ! – कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

राजनीतिक सफरनामा राजनीति तो वायदों का ही खेल है । ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई राजनीति करे और वायदा न करे और फिर चुनावों में….चुनावों में तो वायदे पानी की तरह बहते दिखाई देता है, वह चुनाव चाहे सरपंच का हो या लोकसभा का । इतने वायदे किए जाते हैं कि वायदा करने…

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10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बहाने

वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय  योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। 21 जून उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन भी होता है। योग कोई सरल प्रक्रिया नहीं है और ना ही प्रदर्शन की वस्तु है। योग मनुष्य को स्वस्थ जीवन के साथ मोक्ष के…

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अबकी बार हुए न पार

जी हाँ, अबकी बार 400 पार का नारा इतनी पहले से और आखिरी वोटिंग तक दिया जाता रहा मेन मीडिया जिसको कुछ लोगों द्वारा गोदी मीडिया भी कहा जाने लगा है, ने भी बढ़ चढ़कर समर्थन किया और नारे की आवाज को बुलन्द करने में अपनी भूमिका निभाई। समाचार चैनलों की वार्ता में, ज्योतिषीय विश्लेषण…

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बुजुर्ग नींव घर की

शोभा शाम को सब्जी खरीदने के लिए बाजार गई होती है तभी उसकी मुलाकात उसकी एक पुरानी सहेली से होती है। दोनों सहेलियां बड़ी गर्म जोशी के साथ मिलती हैं। लगभग 10 साल हो गए होंगे, दोनों को एक दूसरे के बिना देखे हुए लेकिन देखते ही दोनों तुरंत पहचान लेती है। उसकी सहेली कोमल…

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दक्षिण में उग रहा भाजपा का सूर्य……

पंकज कुमार मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी पिछले सत्तर सालों में उत्तर और दक्षिण भारत की जो खाई खोदी गई थी उसका विरोध था। ये विरोध सनातन का था, भाजपा की हिंदुत्ववादी विचारधारा का था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी सेंट्रल चेन्नई, साउथ चेन्नई सहित 10 लोकसभा सीटों में दूसरे नम्बर…

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राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है : महात्मा गांधी

महात्मा गांधी ने अदालती कामकाज में भी हिन्दी के इस्तेमाल की पुरजोर पैरवी की थी। वे कहते थे, देश की उन्नति के लिए राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि अपनों तक अपनी बात हम अपनी भाषा द्वारा ही पहुंचा सकते हैं। अपनों से अपनी भाषा में बात करने में…

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