हम महिलाओं को अपने वजूद का एहसास स्वयं ही करवाना होगा सभी महिलाओं को “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस “ की बहुत बहुत बधाई महिलाओं को समर्पित कुछ पंक्तियाँ
ज़िम्मेदारी संग नारी भर रही है उड़ान ,
ना कोई शिरकत ना कोई थकान
महिलाओं को दे इतना सम्मान ,
जिससे बढ़े हमारे देश की शान ।
महिलायें दो परिवारों की शान बान है जिसे पूर्ण ज़िम्मेदारी के साथ निभा रही है और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है ।
समय के साथ भारत की महिलाओं की दशा और आपसी सोच में बदलाव आया है आज भारत की नारी हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व क़ायम कर रही है ।
भारत महिला सशक्तिकरण की पहचान बन चुका है । घर से लेकर विदेश तक में अपनी मिसाल क़ायम की है ।
महिलाओं की दशा कई परिवारों में बहुत ख़राब है हम महिलाओं को कार्य करने के लिए बाहर तो भेज सकते है वो कमा कर लाये परंतु नकारात्मक मानसिक महिलाओं का जीवन तहस बहस कर देती है और तलाक़ का कारण बन जाती है हम को स्वयं को बदलना है और अपनी राक्षसी सोच को ।
क्या आप सब भी मानते है ?”विधि का विधान”
उदाहरण -प्रेम कृष्ण जी के जीवन का आधार बनी राधा ,
प्रेम शिव जी की जटा से होकर निकली गंगा
फिर पतिव्रता नारी सीता जैसी ब्याहता क्यों छोड़ी गई जंगल
कितना फ़र्क़ है सोच का
जिसे कहते है विधि का विधान
बदलिए अपने आपको
उस सोच को जो नारी के जीवन को बदल कर रख देती है क्योंकि नारी तो वो है जिसने पुरुषों का जीवन सवारा है
कमी में भी किया है गुजारा
ना उम्मीद की धन दौलत की माँगा तो सिर्फ़ जीवन में चाहत ,प्यार और सम्मान
जो किसी को शक की नजरो से देखती है और रिश्तों को ख़त्म कर देती है
यूँ तो कोई ग़लत नहीं होता
होता है तो बस नज़रिया
सकारात्मक बनिये
मैं सीमा शर्मा लक्ष्मी बाई प्रशिक्षण संस्थान एनजीओ की संस्थापिका महिलाओं के साथ हूँ और ईश्वर से कामना करती हूँ
ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ हो जीवन में अपार
सुख समृद्धि आये हर नारी के द्वार
करो रोशन इस जग को सबला बनकर
जिससे बढ़े देश में मान सम्मान ।