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सूरज की सगी बहन

आग उगलती दोपहरी ये अंगारे सा दिन, कब आषाढ़ घन गरजेंगे कब बरसेगा सावन। प्यासे अधर नदी झरनों के, कंठ कुओं के सूखे, दिन भर के दुबके नीड़ों में, पंछी सोऐं भूखे। प्रातः से ही तपन तपस्विन करने लगी हवन, कब मेघों का बिजुरियों से होगा मधुर मिलन। सड़कों पर सन्नाटा लेटा, मृग मरीचिका बनकर,…

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२१वीं सदी में विश्व में हिंदी भाषा की स्वीकृति

#hindi #hindibhasha 21वीं सदी में हिंदी भाषा का महत्व और स्वीकृति विश्वभर में बढ़ रहा है। यह भाषा न केवल भारतीय उपमहाद्वीप में, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना रही है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे 21वीं सदी में हिंदी भाषा को विश्वस्तरीय स्तर पर स्वीकृति मिल रही है। हिंदी भाषा…

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हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं है : -अनिता कपूर (अमेरिका)

हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं हैयह है भावों की अभव्यक्तिहिन्दी तुमदिव्य भुवन भास्करकरबद्ध वंदन अभिनन्दनहिन्दी तुमतुम्हारे पदचिह्न पर जब-जब चले हमतुम ने जोड़ा हमें अपनी माटी सेहिन्दी तुमएक भाषाएक फोटो फ्रेम जैसीफ्रेम में जड़ी हैं हमारी पहचानमान अभिमानअभिनंदन अपनी संस्कृतिहिन्दी तुममाथे की हो चंदन रोलीतुम माला हो रुद्राक्ष कीपहना कर सबकोकर दिया है ज्ञानालोकितहिन्दी तुमको मान…

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“हिंदी ज्ञान ‘अ’ से ‘ज्ञ’ तक”

मैं वाणी भारती, मैं विश्व लेखनी भारतीय,वर्णों की गुथी माला की अनुपम पाठशाला हूँ। अलंकारों से सुसज्जित, आनंदित सुभाष हूँ।इंदु रश्मि पूनम, ईख की मिठास हूँ।उर मेरे हरि निवास, ऊर्जस्विता प्रभास हूँ।ऋद्धि सिद्धि का वास, एकाग्रता विश्वास हूँ।ऐश्वर्यता से भरी, ओजस्विता सुहास हूँ।और लेखनी अनुपम सी, अंतरिक्ष आकाश हूँ। कवयित्री हूँ महान, खगोल का सम्पूर्ण…

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राजभाषा हिंदी अपनी सब हिंदी में बोलो जी

राजभाषा हिंदी अपनी सब हिंदी में बोलो जी।  राष्ट्रभाषा शीघ्र बनेगी जय हिंदी की बोलो जी। बेटी है संस्कृत की हिंदी सभी भाषाऐं बहने हैं,  सबका है सम्मान धरा पर भेद दिलों के खोलो जी। मां की बिंदी जैसी हिंदी सुंदर सरल सुहानी है,  वैज्ञानिकता खरी कसौटी चाहे जैसे तौलो जी। हिंदुस्तान नाम हिंदी से…

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हिंदी दिवस पर एक गीत

हिदी बोलें पढ़ें ,लिखें सब हिंदी को अपनाएँ – डॉ.गंगा प्रसाद शर्मा ‘गुणशेखर’ संस्कृत है वटवृक्ष राष्टृ की फैली सरल जटाएँ असमी,उड़िया, गुजराती औ मलयालम भाषाएँ तमिल,तेलगू,कन्नड़, बांग्ला सुंदर-सी शाखाएँ सब में मधु घोला है सारी अमृत ही बरसाएँ इनको छोड़ पराई माई कैसे गले लगाएँ. अपनी भाषा पढ़ेँ,लिखेँ औ उसको ही सरसाएँ।। जहाँ किसी…

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महिमा निज भाषा जिन जानी (हिंदी दिवस विशेष)

अंजू मल्होत्रा, (नॉएडा) महिमा निज भाषा जिन जानी तिन को  मानो सच्चा ज्ञानी। संतप्त ह्रदय शीतल हो जाए सूर तुलसी सा जो लिख पाएँ। प्रिय है हिन्दी का हर एक छंद जन्म -जन्म  का   ये अनुबंध। उगता सूरज दे ये ही गवाही हिन्दी पथ के हम हैं  राही।

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