यूँ तो बहुत सी चीज़ें अच्छी लगती हैं,
उसे अच्छा लगते रहने को बरक़रार रखने के लिए भी,
बहुत सी चीजों का साथ चाहिए
जैसे- मौसम का साथ,मिज़ाज का साथ,साथियों का साथ,माहौल ,
तालुक्कात,रवायत और दिल में ढेर सारा प्यार और जज़्बा………
आसान तो नहीं सब कुछ पा लेना
आसान बनाना पड़ता है
कभी अन्दाज़ से
तो कभी नज़र अन्दाज़ से,
आसान तो नहीं हर जंग को जीतना
पर हारना भी पड़ता है
कभी जीतने के लिए,
आसान तो नहीं हर वक़्त ख़ुश रहना
आसान बनाना पड़ता है
कभी ख़ुशी का नक़ाब पहनकर
तो कभी बेमानी सी हँसी हँसकर,
आसान तो नहीं इस मौक़ापरस्ती की दुनिया में
सबको ख़ुश रख पाना
पर कभी कभी ख़ुद की आँखें भी नम करनी पड़ती है
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने के लिए,
आसान तो नहीं नींद में देखे ख़्वाबों को सच कर पाना
ख़्वाबों को हक़ीक़त में तब्दील करने के लिए
कभी कभी कामयाब कोशिश भी पड़ती है करनी
आसान बनानी पड़ती है हर कोशिश,
कभी मेहनत से,तो कभी जुनून से…
यूँ तो आसान नहीं ज़िंदगी का सफ़र
आसान बनाना पड़ता है
कभी अन्दाज़ से
तो कभी नज़रंदाज़ से
टेढ़ी मेढ़ी,भूलभुलैया सी हैं राहें ज़िंदगी की
आसान बनानी पड़ती हैं राहें
कभी छोर से सिरे को ढूँढकर
कभी तेज़ क़दमों से चलकर,
आसान तो नहीं मंज़िल तक का सफ़र
आसान बनाना पड़ता है
कभी गिरकर भी संभालना पड़ता है
कभी ख़ुद को ही शाबाशी देनी पड़ती है
कभी ख़ुद को ही डाँटना भी पड़ता है,
आसान बनाना पड़ता है सफ़र
कभी अन्दाज़ से
तो कभी नज़रअन्दाज़ से…………
प्रियंवदा ’पीहू’ (वंदना)