![डॉक्टर सरोजिनी प्रीतम कहिन](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2023/06/dr-sarojini-pritam.jpg)
कविता और कहानी
![आत्महत्या कोई विकल्प नहीं](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/06/prachi-aggarwal-546x400.jpg)
आत्महत्या कोई विकल्प नहीं
नीट की परीक्षा उत्तीर्ण ना कर पाने के कारण स्वाति बहुत उदास हो गई थी। कुछ नंबर की ही कमी रह गई वरना पेपर निकल जाता। यह उसका तीसरा प्रयास था उसे पूरी उम्मीद थी कि इस बार क्वालीफाई कर लेगी। ऊपर से समाचारों में नीट की पारदर्शिता पर उठे सवालों से उसका मन और…
![“कलबूत” – वंदना गर्ग](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/vandana-garg-600x400.jpg)
“कलबूत” – वंदना गर्ग
अरे वाह! आ गई आपवेलकम! वेलकम!कुशन की टेक लगाकर आराम से बैठीऐ (मनोवैज्ञानिक ने मुस्कुराते हुए आदर भाव से कहा)मैं चाय वाय का इंतजाम करती हूं, मौसम भी अच्छा हुआ है,सच्च पूछो तो मॉनसून की बात ही अलग होती है, है ना!क्या कहती हैं आप?हां बिलकुल , ठीक कहा!हर मौसम का लुत्फ ही अलग होता…
![रेशमा](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/01/dr-sarla-singh.jpg)
![सच्ची तस्वीर](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/05/dr-manoj-kumar-579x400.jpg)
सच्ची तस्वीर
अपने सपनों का इक महल बनाया है मैंने। उसको ख्यालों के फूलों से सजाया है मैंने।। कागज की कश्ती, बारिश का पानी, सब पुरानी बातें हैं। डिजिटल दुनिया के साथ अपना कदम बढ़ाया है मैंने।। इस शोर मचाती दुनिया में खूबसूरत खामोशी को अपनाया है मैंने। जब-तब संगीत सुना है सागर की लहरों से खूब…
![हरा भरा खेत](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/arun-divyansh-520x400.jpg)
हरा भरा खेत
बारिश हुई झम झमाझम , मेढ़क टर्र टर्र टर्रा रहे हैं । झींगुर बजा रहे शहनाई , केंचुए मिट्टी ये खा रहे हैं ।। पहले जो पड़े हुए थे श्वेत , आज हुए हरे भरे ये खेत । कह रहा है हर्षित बादल , चल किसान अब तो चेत ।। पड़े जो अब तक विरान…
![जुगनू इन रातों के : अनिल भारद्वाज एडवोकेट](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/03/ANIL-SHARMA-e1711619789614-298x400.jpg)
जुगनू इन रातों के : अनिल भारद्वाज एडवोकेट
शीतल नहीं चांदनी रातें, उमस भरा सारा दिन, जाने कहां छिपी वर्षा ऋतु,कहां खो गया सावन। फूलों के मौसम में जिसने ढेरों स्वप्न संजोए, बिना आंसुओं के वो क्यारी चुपके चुपके रोए। सूख रहे हैं पुष्प लताऐं, प्यासी है अमराई, किसी पेड़ की छाया में,जाकर लेटी पुरवाई, जाने कहां जा बसे वे दिन,रिमझिम बरसातों के,…
![गीतों के होठों पर](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/03/ANIL-SHARMA-e1711619789614-298x400.jpg)
गीतों के होठों पर
फिर वही यादों की बारिश,वही गम का मौसम। जाने कब झूम के आएगा प्यार का मौसम। ख्वाबों के ताजमहल, रोज बना करते हैं, वादों के शीश महल, चूर हुआ करते हैं। फिर वही टूटी उम्मीदों के खंडहर सा मौसम, जाने कब झूम के आएगा प्यार का मौसम। चांदनी आती नहीं, चांद भी नहीं आता, तारों…
![लघुकथा – मैसेज (डॉ. कल्पना पांडेय ‘नवग्रह’)](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/06/dr-kalpana-pandey-e1718612581914-350x400.jpg)
लघुकथा – मैसेज (डॉ. कल्पना पांडेय ‘नवग्रह’)
बच्चे का दाखिला अच्छे कॉलेज में हो गया था। हाँ, उसकी मेहनत रंग लाई थी। उम्मीदों अरमानों के साथ हॉस्टल में व्यवस्था करा, माता-पिता।अश्रुपूरित आँखों से संबंधों-रिश्तों की मिठास भरे घर लौट आए। रीमा! कितना खाली-खाली लग रहा है। बच्चों की शरारत,उछल-कूद बड़ी याद आ रही। सच कहते हो, यहाँ उसके रहने से कुछ तो…
![प्यारी सी बिटिया](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/02/sanjay-verma-drishti-413x400.jpg)
प्यारी सी बिटिया
मै गीत गुन -गुनाऊ सुन प्यारी सी बिटियाँ चिड़ियों सी चहकती रहे हर आँगन की बिटियाँ हर वक्त तू खुश रहे मेरी प्यारी सी बिटियाँ। मै तुझे आवाज लगाऊ तुम दोड़ी आओं बिटियाँ बाबुल का कहा मानती हर आँगन की बिटियाँ हर वक्त तू खुश रहे मेरी प्यारी सी बिटियाँ। मै सपने देखता जाऊं मेहंदी…
![मां : राकेश कुमार (बिहार)](https://utkarshmail.com/wp-content/uploads/2024/07/rakesh-kumar-sitamarhi-bihar-e1719905928112.jpg)
मां : राकेश कुमार (बिहार)
माँ अपनी छाया जरूर देना, कुछ देना या ना देना माँ तू प्यार देना, चंचल हु नादान हु गले से अपना लगा देना, माँ मुझे किसी की नज़र ना लगने देना, लाल हू तेरा माँ विजयी सितारा लगा देना। प्यार भरा आशीर्वाद रहे हीरा जैसा चमका देना। आँखों की रोशनी तू मुझे अपना बना देना।…