Latest Updates

सोनाली सिंघल जी की शुभकामना एवं कविता

अनुराधा प्रकाशन के संपादक श्री मनमोहन शर्मा जी की मैं दिल से सदैव ही अभारी रहूंगी जबसे उनसे जुड़ी हूं उनका व्यवहार हमेशा घर के सदस्यों जैसा ही रहा है, मेरे सुख दुख में वे सदैव ही जुड़े रहें , और अनुराधा प्रकाशन को एक परिवार का रूप से सभी को जोड़े रखा है.. अनेक वर्षों से देश के कोने कोने से रचनाकारों को समाज से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और निरंतर अपने कार्य में प्रेरणा स्त्रोत प्रयास से दिन प्रति दिन आगे बढ़ रहे हैं

उनकी तारीफ में जितने शब्द लिखे जाएं कम हैं, उनके स्वभाव में जो नम्रता है वही उनकी शक्ति है जो एक बार जुड़ने के पश्चात उनसे सदैव के लिए किसी को भी जोड़ देती है…….उन्होंने मेरी 3 कविताओं की पुस्तकें छापी है और अगली पुस्तक इस साल छपेगी जिसका शीर्षक होगा

“तुम बिन”

आशा करती हूं ईश्वर सदैव उन  पर अपना आशीर्वाद बनाए रखे और हमें उनका स्नेह यूं ही मिलता रहे

धन्यवाद

(सोनाली सिंघल)

इसके साथ ही लॉक डॉउन में समझी एक छोटी सी बात रखना चाहूंगी

लगता है पापों का घड़ा कुछ ज्यादा ही था भरा

वरना इतनी लंबी हमें नहीं मिलती सज़ा

 वो कहते है ना

 कि कारण कोई भी बने

 पर होता है वही जिसमें उसकी हो रजा

 शायद इसलिए अब सवाल कर रही है हमसे

सिर्फ और सिर्फ चमचमाती हुई प्रकृति

बताओ धरती के वासियों अब आ रहा है मज़ा?

और हैरान भी ना हो इंसा

 ये हमने तुमसे ही सीखी है अदा

 हमें कैद कर तबाह करने पर तुले थे

जाओ अब तुम घूम कर दिखलाओ ज़रा

ज़रा विचार करो

ये एक सबक नहीं  तो और क्या है

जिसे हम देख नहीं सकते

वो हमें तोड़ गया है

खैर प्रभु के घर में देर है अंधेर नहीं

चाबी तो उस ऊपर वाले ने

इस लॉक डाउन ताले की भी बनाई है

बस सही वक़्त का इंतज़ार करो

 क्योंकि ये लॉक डॉउन हमारे कर्मों की कमाई है

अभी सज़ा पूरी नहीं हुई शायद हमारी

 इसलिए उस ऊपर वाले ने हम से छुपाई है

धन्यवाद

ईश्वर की कृपा सब पर बनी रहे सदा

(सोनाली सिंघल)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *