अलविदा दिसम्बर तेरे लिए ,
स्वागत है अब जनवरी का ।
कुछ खट्टा मीठा सा अनुभव ,
तुम से मिल गया जिंदगी का।
चेहरे कुछ दिखते नए नए,
कुछ अपने लगते बिछड़ गए ।
यह मंच अजनबी सा लगता ,
कुछ साथ चले कुछ पिछड़ गये ।
स्वीकार हृदय से अब कर लो ,
शाश्वत प्रकृति का परिवर्तन ।
जो बीत गयी उसको छोड़ो ,
जीवन में भर लो नव नर्तन ।
नव वर्ष को उत्सव से भर दें
और प्यार से अभ्यागत कर लें ।
आने वाले नवागन्तुक को,
स्वागत में शुभ प्रभात कह दें ।
सब शिकवे गिले भूल कर हम,
जा रहे को धन्यवाद कह दें ।
सब मिल कर शुभ कामना करें ,
नव वर्ष का हम स्वागत कर लें ।।
अर्चना द्विवेदी
अयोध्या उत्तर प्रदेश