रहिए सदा आप मस्त मस्त
आया है पन्द्रह अगस्त
यह हर साल पर आता है
इसी लिए यह भारत माता है
कारगिल में वीरों ने, दुश्मनों को,
किया विवश और त्रस्त।
आया है पन्द्रह अगस्त।।।।
आओ फिर से नये भारत का करें सृजन
द्वेष बुराई, जाति भावना न आने दें मन
सद उपयोग करें यह ब्रह्मरुपी तन-मन
ज्योतिर्मय आप हो जाएं छोड़े काम सब भ्रष्ट
आया है पन्द्रह अगस्त
आया है पन्द्रह अगस्त
बहती हुई रसगंगा लें अमृत सा पी लें
निबलो विकलो के लिए थोड़ा जी लें
शब्दों के भण्डार से कर दें अभी रसीले
अनपढ़-निर्धन के लिए घर घर खोलें ट्रस्ट
आया है पन्द्रह अगस्त
आया है पन्द्रह अगस्त
वृक्ष कबहूं न फल भखै नदी न संचै नीर
उसी तरह थे अब है भारत के बलवीर
मातृभूमि की सेवा में सीने में सहते तीर
मानवता की वेदी पर आप भी आयें फस्ट
आया है पन्द्रह अगस्त
आया है पन्द्रह अगस्त
भीम प्रसाद प्रजापति
देवरिया