मेरी जीत भी तुम हो
मेरी हार भी तुम हो
मेरी प्रीत भी तुम हो
मेरी मीत भी तुम हो
मेरा एहसास भी तुम हो
मेरी प्यास भी तुम हो
मेरा राज भी तुम हो
मेरा नाज भी तुम हो
मेरे दिल का साज भी तुम हो
मेरे अंतर्मन की आवाज भी तुम हो
मेरी चमक भी तुम हो
मेरी दमक भी तुम हो
मेरा किरदार भी तुम हो
मेरा यार भी तुम हो
मेरा ख़्वाब भी तुम हो
मेरा जवाब भी तुम हो
मेरी मोहब्बत भी तुम हो
मेरी सोहबत भी तुम हो
मेरी जुस्तजू भी तुम हो
मेरी खुशबू भी तुम हो
मेरी पूंजी भी तुम हो
मेरी कुंजी भी तुम हो
मेरा गुमान भी तुम हो
मेरा नाम भी तुम हो
मेरा सुर भी तुम हो
मेरी ताल भी तुम हो
मेरा लहजा भी तुम हो
मेरा कहकहा भी तुम हो
मेरी ख़ता भी तुम हो
मेरी वफ़ा भी तुम हो
मेरी प्यास भी तुम हो
मेरी आस भी तुम हो
©डॉ. मनोज कुमार “मन”