राम आरती होने लगी है,
अवधनगरिया सजने लगी है।
हो गया मन का काम,
बोलो जय जय सीताराम।
बोलो जय-जय राधे श्याम
राम नाम की जीत हुई है,
कोर्ट कचहरी खत्म हुई है।
बाहर तंबू से घनश्याम,
बोलो जय-जय सीताराम
बोलो जय जय राधे श्याम।
राज छोड बनवास गए थे,
राक्षसों का नाश किए थे,
रखते सबका ध्यान,
बोलो जय-जय सीताराम,
बोलो जय जय राधे श्याम।
इस युग में भी यही हुआ है,
नास्तिकों का नाश हुआ है,
हुआ है सारे जग अपमान।
बोलो जय-जय सीताराम,
बोलो जय जय राधे श्याम।
धर्म सनातन रहा हमेशा,
सरपर हाथ रखें अवधेशा,
लेलो नाम सुबह और शाम।
बोलो जय-जय सीताराम
बोलो जय जय राधेश्याम।
अवध नगर में मंगल बेला,
दुनिया में ना कोई अकेला,
चंदर निर्बल के घनश्याम।
बोलो जय-जय सीता राम,
बोलो जय जय राधेश्याम।
डॉ चंद्रसेन भारती