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नशे की जद में भामाशाह की नगरी

” लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है “ आज में जिस विषय पर लिख रहा हूँ उस विषय पर बशीर बद्र साहब की यह पंक्तियां एकदम सटीक बैठती नजर आती हैं माफ करना आज में जो लिख रहा हूँ वो शायद आपको बुरा लग सकता है?…

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हैदराबाद के दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिले

डॉक्टर सुधीर सिंह हैदराबाद के दरिंदों  को सख्त से सख्त सजा मिले,‘डा.दिशा’ के परिवार को शीघ्रातिशीघ्र इंसाफ मिले.बलात्कार के गुनाहगारों को फाँसी मिले चोराहे पर,खौल रहा है खून लोगों का दोषियों की बर्बरता पर.हैवानों की हैवानियत पर शर्मसार है आज मानवता,हृदय विदारक घटनाओं  से हतप्रभ  हैं भारत माता.कितनी मजबूर ‘निर्भया’की निर्ममता से हत्या होगी?बेमहफूज बेटियों…

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रिटायरमेंट-नये जीवन की नई शुरुआत

सेवानिवृत्ति या रिटायरमेंट जीवन का एक अनमोल क्षण होता है।सर्विस के शुरू में ही रिटायरमेंट की तिथि तो तय ही होती है। पर हम पचास नहीं बल्कि पचपन वर्ष की उम्र के बाद ही थोड़े से सावधान होते हैं कि कैसे समय बिताएंगे,कैसे रहेंगे,क्या करेंगे। कुछ तो रिटायरमेंट के बाद ही सजग होते हैं।चाहे कुछ…

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जेएनयू की साख बनी रहने दो!

जेएनयू को जनतांत्रिक शिक्षण संस्कृति के लिए जाना जाता है। जेएनयू की एक पूरी सांस्कृतिक विरासत है। जिसके निर्माण के पीछे एक विचार था देश में एक ऐसे शिक्षण संस्थान की स्थापना का जिसमें बौद्धिक खुलेपन, विकास-विवाद, सहमति-असहमति और स्वतंत्र जीवन शैली की पूरी गुंजाइश हो, जहाँ पैसे की तंगई प्रतिभाओं के आड़े न आएं।…

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फ़िट इँडिया-हिट इँडिया

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होए माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होए कबीर जी के दोहे में धैर्यशीलता का कितना खूबसूरत सँदेश छिपा है।बात केवल इतनी सी है कि किसी भी सोच विचार के बीज को बो देने भर से फ़सल के इँतज़ार में हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाने भर…

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वह कौन था!

लघु कथा, 👉वह कौन था!— बात उस समय की है जब वही अपना देश आजाद हुआ था।लोगों मेंईमानदारी तो थी ही पर संसार में बेईमानों की कोई कमी नहीं होती ।एक गाँव था जिसका नामधर्मराजपुर था उसी गाँव के निवासी थे भोला पंडित ।उससमय भोला पंडित के पास खेती करने लायक जमीन तो थी ही…

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रावण का चेहरा

हर साल की तरह इस साल भी वह रावण का पुतला बना रहा था। विशेष रंगों का प्रयोग कर उसने उस पुतले के चेहरे को जीवंत जैसा कर दिया था। लगभग पूरा बन चुके पुतले को निहारते हुए उसके चेहरे पर हल्की सी दर्द भरी मुस्कान आ गयी और उसने उस पुतले की बांह टटोलते…

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‘जीवन’ का दुरूपयोग‌

एक तरफ तो हम कहते हैं कि जल ही जीवन है और तो वही दुसरी तरफ हम अपने दैनिक जीवन में निरंतर जल संसाधनों का दुरूपयोग कर उनका दोहन करते जा रहे हैं। जल सभी के लिए अति आवश्यक है। जैसे मानव जीव जंतु पशु पक्षी पेड़ पौधे  फसल उत्पादन आदि सभी के लिए अति…

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कितना सुंदर है बेटियां होना

घर के आंगन में तितलियां होना कितना सुंदर है बेटियां होना Ghar Ke Aangan Mein titliyan hona KItna Sundar Hai betiyan hona सब के घर मे खुशी नहीं आती मांगती हैं ये नेकियां होना Sab ke ghar mein Khushi nahin aati Mangti Hai ye  nekiyan hona जिसको इज़्ज़त नहीं है औरत की ग़ैर मतलब हैं…

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नारी (कविता-9)

नारी  नारी कुल की मर्यादा है।  नारी उपहास की चीज नहीं।  जो मान घटाए नारी का, तो उसको कोई तमीज नहीं।।  सम्मान आबरू है नारी।  सब कुछ समाज पर है वारी।  आगे बढ़ने दो नारी को,  उसकी सीमा दहलीज नहीं,,,,,,, प्रसव की पीड़ा कौन कहे।  हर गम को नारी मौन सहे।  सब्र का दूजा नाम…

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