Latest Updates

काम के वक्त मोबाइल से दूरी है जरूरी

 डॉ. नन्दकिशोर साह (स्वतंत्र पत्रकार)

कई बार आप सोचते होंगे कि आज आपने दिनभर ऑफिस में काम किया उसके बावजूद काम पूरा कैसे नहीं हुआ? आज आपने दिन भर पढ़ाई की लेकिन फिर भी अध्याय खत्म क्यों नहीं हुआ? इसकी वजह यह है कि हमने सिर्फ दिखावे के लिए पढ़ाई या वह काम किया। हमारा आधे से ज्यादा ध्यान तो दूसरी चीजों में था। इसमें कोई गलती नहीं है, यह एक आदत है, जिसे सुधारना जरूरी है, वरना हम काम या पढ़ाई के लिए बैठेंगे और वे दोनों चीजें छोड़कर फालतू कामों में लगे रहेंगे। ऐसी कई चीजें हैं, जो हमें कार्यालय के दौरान काम करने या घर में पढ़ाई करने से रोकती है। बेहतर है कि हम इन चीजों को समझ ले और खुद के लिए कुछ नियम बना लें। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है, मोबाइल व इंटरनेट से दूरी बनाना। खुद से ये वादा कर ले कि जब तक मेरा काम नहीं हो जाएगा या मेरा यह अध्याय खत्म नहीं हो जाएगा, मैं मोबाइल हाथ नहीं लगाऊंगा। यह वादा इसलिए जरूरी है क्योंकि लोगों का अधिकांश समय मैसेज भेजने, व्हाट्सएप देखने या फेसबुक चेक करने में बीत जाता है। उन्हें लगता है कि वह चंद मिनट के लिए ही तो मोबाइल चेक कर रहे हैं लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि एक- एक मिनट कर उन्होंने कितने सारे मिनट गवा दिए। इतनाही  ही नहीं अपना ध्यान भी काम और पढ़ाई से हटाया। यह बात केवल काम या पढ़ाई पर ही लागू नहीं होती। आज हर व्यक्ति मोबाइल में इतना खो गया है कि उसके पास दूसरों की बात सुनने तक को फुर्सत नहीं। घर पर आने के बाद भी लोग मोबाइल में लगे रहते हैं। बच्चे और पत्नी अपने दिन भर की बातें बताने के लिए बेचैन रहते हैं लेकिन वे मोबाइल से नजरे नहीं हटाते। अगर सामने वाला कुछ बोल रहा हो तो बेवक्त हां, हूं, हम, अच्छा जैसे जवाब देकर बात टालते जाते हैं। परिवार के लोग चाहते हैं कि आप अपने साथ बैठकर कुछ टीवी देखे लेकिन आप टीवी के सामने बैठने के बावजूद मोबाइल पर नजरें गड़ाए  रहते हैं। ऐसा भी नहीं है कि आपको जरूरी काम कर रहे होते हैं। आप दोस्तों से फालतू गप मार रहे होते हैं या कैंडी क्रश जैसे गेम खेल रहे होते हैं। वही बच्चे जब यह समझ जाते हैं कि मम्मी या पापा को मेरे लिए समय ही नहीं है तो वह भी अपने काम, मोबाइल, टीवी या खेल में व्यस्त रहने लगता है। जब आप बात करना चाहते हैं तो आपके बच्चे आप से दूरी बनाने लगता है, तब आपको बुरा लगता है।

      काम या पढ़ाई के दौरान जब भी किसी का आम बातचीत के लिए फोन या मैसेज आए तो उसे समझा दे कि अभी मैं व्यस्त हूं, फ्री होकर कॉल करूंगा। दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रेमी प्रेमिकाओं को भी यह बताना जरूरी है कि कब आप व्यस्त रहते हैं और कब फ्री। हर काम के लिए समय निर्धारित करें। कार्यालय का काम कार्यालय में और घर का काम घर में करें। परिवार को समय दें। मोबाइल को भी आराम दे।

डॉ नन्दकिशोर साह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *