हो गये मौसम सुहाने, आपके आने के बाद,
हो गई हर ऋतु बसंती,आपके आने के बाद।
नींद कोसों दूर जाकर बैठ जाती आंखों से,
ख्वाब सूखे पत्तों की मानिंद झड़ते शाखों से।
हो गए सपने सलौने,आपके आने के बाद,
नींद मीठी हो गई है,आपके आने के बाद।।
मिट गई मीलों पुरानी दूरियां इन दिलों की,
महक वापस आ गई है अपने सूखे गुलों की।
आ गया खुशियों का सावन,आपके आने के बाद।
गम अचानक गुम हुए हैं,आपके आने के बाद,।
जो गुजरते नहीं थे पल,वे न जाने कहां है,
जो नहीं कटती थी रातें,अब न जाने कहां है।
चांदनी सी लगे मावस,आपके आने के बाद।
मखमली लगती है सुबह, आपके आने के बाद।
गीतकार
अनिल भारद्वाज एडवोकेट ग्वालियर