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हिंदी की दिव्य-ज्योति से हिंद जगमगाता कहे

डॉक्टर सुधीर सिंह

पंजाब से पूर्वांचल,कश्मीर से कन्याकुमारी,
विचार-विनिमय का  सरल माध्यम है हिंदी.
राष्ट्रभाषा हिंदी  यहां जन-जन की भाषा है,
राष्ट्रीयअस्मिता का अनुपम आँचल है हिंदी.

हम हमेशा आर्यभाषा हिंदी का सम्मान करें,
उसके प्रचार-प्रसार हेतु हम सभी सजग रहें.
जनभाषा हिंदी  के संरक्षण,संवर्धन के लिये;
130करोड़ हिंदुस्तानी एकजुट रह शपथ लें.

बचपन से सभी बच्चों को हिंदी से लगाव हो,
आमतौर पर हिंदी में सरकारी काम-काज हो.
एक सूत्र में पिरोकर सबों को  रखती है हिंदी,
कालजयी राष्ट्रभाषा पर देशवासी को गर्व हो.

भारत के लोगों  से महात्मा गाँधीे ने कहा था,
‘राष्ट्रभाषा  के बिना  संपूर्ण  राष्ट्र  ही  गूँगा  है’
हिंदी की दिव्य-ज्योति से हिंद जगमगाता रहे,
महान पूर्वजों ने हमें  यही शुभ संदेश दिया है.

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