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संस्कारों का विकास

कुणाल के दोस्त का जन्मदिन था। वह सुबह से ही पापा के पीछे लगा हुआ था क्योंकि दोस्त के जन्मदिन में जाने के लिए अच्छा सा गिफ्ट भी तो चाहिए था ना। पापा उसे बाजार ले गए और एक साधारण सा गिफ्ट उसे दिलवा दिया। कुणाल को अच्छा नहीं लगा। इधर उसने देखा,पापा खूब सारी…

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किंकर्तव्यमूढ़ समाज के चारों तरफ क्यों जमी है धुंध.!

पंकज सीबी मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी हम वही देखते है जो हमें दिखाया जाता है जबकि वास्तविक चित्र अब भी धुंधला है और धूर्त नेता इस चित्र के आगे कुंडली मार बैठे है। आपको समाज का सबसे निकृष्ट व्यक्ति साबित करने में इन्हे केवल दो मिनट लगता है जबकि इनका वीआईपी कल्चर…

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“राखी”

        राखी नाम की एक दुबली-पतली बीमार -सी ,साँवले रंग की एक लड़की,उम्र यही तेरह- चौदह की साल रही होगी । वह आठवीं कक्षा में पढ़ती थी । राखी कक्षा में बिलकुल पीछे बैठती थी। वह हमेशा चुपचाप बैठी रहती शायद इसी लिए उसकी कोई  सहेली भी नहीं बनी थी । हाँ अगर शिक्षिका कक्षा…

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सौंदर्य

सौंदर्य केवल वस्तुओं में नहीं है सौंदर्य केवल मनुष्य में नहीं है सौंदर्य केवल प्रकृति में नहीं है सौंदर्य सर्वत्र व्याप्त भी नहीं है वास्तविक सौंदर्य देखने वाले की आँख में है इस प्रकार सत्यम्-शिवम्-सुंदरम् की परिभाषा अमूल्य, अजान और अमान्य जान पड़ती है जो लोग खोजते हैं सौंदर्य को ईश्वर में जो लोग खोजते…

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यूं तो जरा भी देर न लगी

भावनाओं को कविता का रूप दिया, लेकिन आज क्यों शब्द भी थम से गए, जब से प्रभु श्री राम का नाम लिया। कितनी पवित्र होगी वो स्याही, जो लिखेगी मेरे प्रभु श्री राम का नाम, उस कागज में भी जान आ जाएगी, जिसमें रघुवर के होंगे गुणगान। राम नाम जपता ये जग सारा, पर राम…

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राष्ट्रमुकुट की प्रतीक्षा

कर कर के युग प्रतीक्षा थक जाऊंगी। क्या पता राष्ट्रभाषा कब बन पाऊंगी। मेरी आत्मा से वे चलचित्र बनाते, मेरे वाक्यों से अरबों रोज कमाते, मेरा अधरों पर नाम तक नहीं लाते, उस फिरंगिनी बोली को गले लगाते। सब देशों की प्रिय भाषा बन जाऊंगी, क्या पता राष्ट्रभाषा कब बन पाऊंगी। शिशुओं की मुझसे दूरी…

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महाराष्ट्र के जितेंद्र थोरात नेपाल के अंतरराष्ट्रीय हिंदी काव्यरत्न पुरस्कार से सम्मानित

14 सितम्बर को राष्ट्रभाषा हिंदी दिवस पर नेपाल की सु-विख्यात साहित्यिक संस्था नेपाल लुंबिनी में एक प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन द्वारा हिंदी दिवस पर ऑनलाईन नि:शुल्क अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कविता प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में देश-विदेश यथा –नेपाल, भारत, कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और तंजानिया से 6742 रचनाकारों की सहभागिता रही। उत्कृष्ट…

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दिल्ली की डॉ.सरला सिंह स्निग्धा को मिला नेपाल के अंतरराष्ट्रीय हिंदी काव्य रत्न मानद सम्मान

14 सितंबर 2024 को हिंदी दिवस के अवसर पर डॉ सरला सिंह स्निग्धा को “हिंदी काव्य रत्न” मानद सम्मान से सम्मानित किया गया। हिंदी दिवस पर देश-विदेश के 16वर्ष से लेकर 75 वर्ष के वयोवृद्ध रचनाकारों ने हिंदी पर अपने स्वरचित कविता को शेयर किया गया था। “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल,लुम्बिनी द्वारा हिन्दी…

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बेटियों पर अत्याचार : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

बेटियों पर बढ़ती दरिंदगी, आखिर समाज को हो क्या गया है ? यह प्रष्न तो अब स्वाभाविक रूप् से सामने आने लगा है । व्यक्ति इतना दरिंदा भी हो सकता  है ? समाज के इस घिनौने रूप् की कभी कल्पना भी किसी न की होगी । एक के बाद एक घटनायें घटती जा रही हैं…

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“एक थी शान्ता”काव्य-कृति का विमोचन

भारतीय साहित्य-कला परिषद् नयी दिल्ली के तत्वावधान में ‘अभी तक क्राइम टाइम’ सप्ताहिक समाचार पत्र, शाहदरा, दिल्ली के  कार्यालय  में 20 अगस्त 2024  को यशस्वी सम्पादक राजेन्द्र गुप्त की अध्यक्षता में हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राहुल  की सद्यः प्रकाशित पुस्तक”एक थी शान्ता”(खण्ड-काव्य) का विमोचन सम्पन्न हुआ।माननीय अध्यक्ष ने अपने उद्बोदन में कहा कि,रामायण की कथा-श्रृंखला…

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