– राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
शिक्षक एवम साहित्यकार
दीपावली के तीन दिनों बाद हमारे देश की राजधानी दिल्ली धुंध के काले आवरण से ढँक चुकी थी।दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से प्रदूषण की दर बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1600 बड़े शहरों में दिल्ली प्रदूषण में सबसे आगे हैं। भारत मे दिल्ली के अलावा ग्वालियर व रायपुर में भी वायु प्रदूषण अधिक है। वायु प्रदूषण से दिल्ली में 2.2 मिलियन और पचास फीसदी बच्चे फेफड़ों सम्बधी बीमारी से ग्रसित है।दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने हालात गम्भीर होते देख मेडिकल इमरजेंसी घोषित की है।आज दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर को पार करते हुए 450 से ऊपर पहुंच गया जो कि अब तक का सबसे अधिक है।दिल्ली सरकार ने स्कूलों में कुछ दिनों तक छुट्टियां घोषित कर दी है। बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों को हृदय रोग,स्ट्रोक,स्वास से सम्बन्धी परेशानियां,आंखों में जलन,एलर्जी,खांसी जैसी बीमारियां अधिक हो रही है। वायु प्रदूषण से बचाव के लिए घर के बाहर और ट्रैफिक वाले स्थानों के पास व्यायाम न करें,घर से निकलते वक्त मास्क ज़रूर पहने,दरअसल N95 और N99 मास्क का मतलब होता है नॉट रेसिस्टेंट टू ऑयल, इसका मतलब ये मास्क आपको स्मोग,धूल,वेहिक्युलर पॉल्युशन से बचाता है,कहीं बाहर जाने से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स ज़रूर चेक करें,घर में ऐसी चीज़ें न बनाये जिससे धुआँ निकले,कम ईंधन इस्तेमाल होने वाला खाना पकाए,ज़्यादा हरी सब्जियां खाएं।
आज धरती का तापमान कितना बढ़ता जा रहा है। पेड़ कटते जा रहे हैं। सड़कों का जाल बिछ रहा है मगर साथ ही हज़ारो पेड़ काट दिए जाते हैं। धूल धुंआ के सिवाय क्या बचा है अब। हर ओर प्रदूषण ही प्रदूषण। वायु प्रदूषण ,ध्वनि प्रदूषण असहनीय हो गया है। बढ़ते वाहनों की रेलमपेल ने जीवन नारकीय कर दिया है। वायु प्रदूषण बढ़ते कल कारखानों की चिमनियों से निकले जहरीले धुएं ने बस्तियों में अनेक रोग फैला दिए हैं। प्लास्टिक प्रदूषण से सब दुखी है। मूक पशु इन्हें खाकर मर रहे हैं। पवित्र नदियां गंगा यमुना क्षिप्रा नर्मदा आदि सभी मैली हो गई है। कचरे के ढेर ही ढेर हैं नदियों के किनारे बसे बड़े महानगरों के बुरे हाल हैं। करोड़ो रूपये जिन नदियों को साफ करने के लिए खर्च किये लेकिन आज भी ये गंदी ही है।
लगातार अनावश्यक रूप से वनों की कटोती व बढ़ता शहरीकरण औधोगिकरण से प्रदूषण बढ़ा है। इससे विषैला कचरा मिट्टी हवा व पानी सभी प्रदूषित हो गया है। सार्वजनिक स्तर पर आज सामाजिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
आधुनिक युग मे तकनीकी प्रगति को प्राथमिकता दी जा रही है इसलिए आज मनुष्य जीवन का तरीका अनुशासन भूलता जा रहा है। वट पीपल नीम जो सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देते है उन्हें काटा जा रहा है। भला प्राणवायु कैसे मिलेगी। शास्त्रों में इनके पूजन का विधान इसलिए बताया कि ये जीवनदायिनी पेड़ हैं। हर घर मे तुलसी होना चाहिए। कई पौधे औषधियां देकर हमे निरोग रखते हैं।
पेड़ों से ठंडी छाया फल फूल मेवे मिलते हैं पेड़ों को जब हम पत्थर मारते है न तो बदले में वे हमें फल ही देते हैं पेड़ बड़े उपकारी होते हैं ये धरती माँ का श्रृंगार होते हैं।
आज वायु प्रदूषण के कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है । सूर्य से आने वाली गर्मी के कारण पर्यावरण में कार्बनडाई आक्साइड मीथेन नाइट्रस आक्साइड का प्रभाव कम नहीं होता जो कि हानिकारक है।अम्लीय वर्षा के खतरे बढ़ रहे हैं। बारिश के पानी मे सल्फर डाई आक्साइड नाइट्रोजन आक्साइड जैसी विषैली गैस घुलने की संभावना है। इससे हमारी फसलें पेड़ों भवनों ऐतिहासिक ईमारतों को नुकसान पहुंच सकता है।आज दमा खाँसी अंधापन त्वचा रोग आदि वायु में अवांछित गैसों के कारण हो रहे हैं।
सांसे हो रही है कम आओ पेड़ लगाएं हम कहने से काम नहीं चलेगा आज जरूरत है प्रत्येक भारतीय एक पेड़ लगाकर उसे बड़ा करे उसकी आजीवन रक्षा करें। 1992 में ब्राजील में 174 देशों का पृथ्वी सम्मेलन हुआ था जिसका उद्देश्य था पर्यावरण संरक्षण। इसके बाद 2002 में जोहान्सबर्ग में फिर समनेलन हुआ। ऐसे सम्मेलन होते रहना चाहिए जिससे विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण की रणनीति तैयार कर उसे कार्यरूप दिया जा सके।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने माकूल व्यवस्था की है 300 टीमें इस काम मे जुटी है। ये टीमें दिल्ली एन सी आर के मुख्य मार्गों निर्माण से जुड़ी जगहोँ और कूड़ा कचरा जलने से जुड़ी जगहों पर नजर बनाए हुए हैं। कई इलाकों में ये टीमें धूल को नीचे बैठाने के लिए पानी का भी छिड़काव किया जा रहा है। गम्भीर वायु प्रदूषण से स्थिति खराब हुई है। विगत 20 दिनों में प्रदूषण की मात्रा हवा में बढ़ी है।
दिल्ली वायु प्रदूषण से हांपती रही।
आओ पेड़ लगाएं प्रदूषण पर काबू पाएं।पेट्रोल डीजल वाहनों का उपयोग कम करें। आओ प्रकृति को बचाएं।
– राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”
भवानीमंडी