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भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार हमारे देश में इस तरह सर्वव्यापी बन गया है कि बिना भ्रष्टाचार के हम कोई भी भी सरकारी काम कर सकते है | जहां कहीं भी सरकारी काम होता है | वहां भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है | हमारे देश में भ्रष्टाचार बहुत ही खतरनाक समस्या है | भ्रष्टाचार बहुत सी समस्याएं उत्पन्न करता

 है | यह समाज में अराजकता उत्पन्न करता है | यह मनुष्य में खराब चरित्र करता है | यह समाज में कुव्यवस्था उत्पन्न करता है | हम अपने समाज में भ्रष्टाचार को हर जगह झेलते थे | अगर हम जिला स्तर पर देखे जो कि प्रशासन की सबसे छोटी इकाई है | वहां सरकारी अधिकारी , राजनीतिज्ञ और माफिया मिल जाते थे | सारा पैसा हड़प जाते थे | जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ जाता था राज्य सरकार में से गुजर कर | भ्रष्टाचार के तीन स्तर है | पहला जिला स्तर , दूसरा राज्य स्तर पर और तीसरा केंद्र स्तर पर |

जिला स्तर पर प्रधान , बी.डी.ओ. , सांसद , एस.पी. , डी.एम. , ज्यादातर सरकारी अधिकारी , राजनीतिक नेता और माफिया भ्रष्टाचार में लिप्त रहते थे | यह स्थिति 2014 से पहले थी | पर 2014 में बाद स्थितियां काफी हद तक बदल गई है | अब भ्रष्टाचार पर केंद्र सरकार द्वारा जबरदस्त प्रहार हो रहा है | जहां जहां पर भाजपा की राज्य सरकार है | वहां पर भ्रष्टाचार काफी कम हो गया है | पर तमिलनाडु , आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , पंजाब आदि राज्यों में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार है | ज्यादातर विकास कार्य जो राज्य सरकारें और केंद्र सरकार करती है | भ्रष्टाचार की वजह से असफल हो गई है | कृषि , रोजगार , उद्योग , शिक्षा , सुरक्षा आदि की बहुत से योजनाएं थी | पर ज्यादातर योजनाएं भ्रष्टाचार की वजह से असफल हो गई थी |

इस तरह से हम देख सकते है कि जिला स्तर पर एक बहुत ही शक्तिशाली भ्रष्टाचार का तंत्र था | यह परम शक्तिशाली भ्रष्टाचार का तंत्र किसी तरह का वास्तविक विकास नहीं होने देता था | जिला स्तर पर हमारी राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था का पूर्ण रूप से अपराधीकरण हो चुका था |

ग्रामीण लोग इतने ज्यादा अज्ञानी और संगठन विहीन होते है कि वो भ्रष्टाचार से नहीं लड़ सकते है | वो किसी तरह का कानून नहीं जानते थे | और जानना भी नहीं चाहते थे | ग्रामीण लोग परम पिछड़े होते है |

अगर हम राज्य सरकार के स्तर पर देखे तो 99.99% विधायक परम भ्रष्ट होते है | ज्यादातर विधायक हत्यारे ,बलात्कारी और परम अपराधी होते है | ज्यादातर विधायक विचारधारा विहीन होते है | वो विकास के पूरी तरह से विरुद्ध होते है | इस तरह से हम देख सकते है कि क्यों ज्यादातर राज्य सरकारें पूरी तरह से दिवालिया हो गई है | ज्यादातर पार्टियां माफिया और भ्रष्ट अफसरों से पैसा वसूलती है | ज्यादातर विधायक एक चौथाई विकास फंड भी नहीं खर्च करते है | विधान परिषद की एक सीट लाखो रुपए में बेची जाती थी | राज्य सरकार का उद्देश्य जनता की सेवा नहीं होता है | बल्कि राज्य सरकार का उद्देश्य राजनीतिज्ञों के लिए पैसा कमाना होता है | ज्यादातर मुख्यमंत्रियों के पास कोई भी प्रगतिशील दृष्टिकोण और विकास की कोई योजना नहीं होती है | वो पूर्णरूप से अपराधी होते है | सभी राज्यों में जातिवाद मुख्य समस्या है | इस समस्या ने बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न किया है | इस तरह से हम देख सकते है कि ज्यादातर राज्य सरकारें विकास विरोधी , समाज विरोधी और मनुष्य विरोधी होती है | ज्यादातर राजनीतिज्ञों की रुचि सरकारी ठेके लेने में , पेट्रोल पंप लेने में और भ्रष्टाचार के अवसर खोजने में होती है | ग्रामीण लोग इतने अज्ञानी होते है कि वो भ्रष्ट नेताओ को मजबूरी में वोट देते है |

भ्रष्टाचार के दो मुख्य कारण है | पहला दोषपूर्ण संविधान और दूसरा जनता का पिछड़ापन | हमारा वर्तमान संविधान भ्रष्टाचार को नहीं रोक सकता है | हमारे संविधान में बहुत से परिवर्तन की आवश्यकता है | हमारा संविधान एक अपराधी को मंत्री बनने से नही रोक सकता है | जनता की जागरूकता और साक्षरता भ्रष्टाचार को काफी हद तक समाप्त कर सकती है | आशा है कि कुछ ही दिनों में भ्रष्टाचार काफी हद तक समाप्त हो जाएगा |

नाम : संजय कुमार ,

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