वैंकूवर, 7 नवंबर 2024:
ब्रिटिश कोलंबिया में पहली बार छठ पूजा का भव्य आयोजन हुआ, जो बिहार और झारखंड के गहरे सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व से जुड़ा त्योहार है। बिहार झारखंड सांस्कृतिक संघ ब्रिटिश कोलंबिया (बाजा बीसी) द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने वैंकूवर के भारतीय समुदाय को “घर से दूर घर” का अनुभव दिया। बाजा बीसी का मुख्य उद्देश्य बिहार और झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करना है, और इस आयोजन ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा।
उपस्थिति और उत्साह
200 परिवारों द्वारा पहले ही RSVP किए जाने के बाद, उपस्थिति सराहनीय रही। दोनों दिन कार्यदिवस होने के बावजूद, 6 नवंबर को लगभग 250 और 7 नवंबर की सुबह के अरघ्य में करीब 175 मेहमान शामिल हुए। विशेष रूप से 7 नवंबर को 10°C की धूप ने इस आयोजन को और भी सौम्यता दी। इस आयोजन में विशेष रूप से फिजी से गन्ने को पत्तों सहित मंगवाया गया ताकि पूजा की सामग्री को पूर्णता दी जा सके।
स्थान और वातावरण
यह आयोजन सरे के भामेश्वरी मंदिर में हुआ, जो इस सांस्कृतिक समारोह के लिए एक आदर्श और आध्यात्मिक स्थान साबित हुआ। इस महोत्सव ने समुदाय को एक साथ लाया और परंपरा एवं एकता के प्रति गहरा संबंध दर्शाया।
एक भावुक अनुभव
प्रतिभागियों ने इस अनुभव को भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बताया। एक उपस्थित व्यक्ति ने कहा, “वैंकूवर में छठ मनाना सचमुच ऐसा था जैसे हम अपने घर लौट आए हों।” कई लोगों ने इस आयोजन को लेकर अपनी खुशी और आभार व्यक्त किया, क्योंकि अब उन्हें यूएसए यात्रा करने की आवश्यकता नहीं रही, जैसा कि वे पिछले वर्षों में करते थे।
विस्तृत मीडिया कवरेज
इस आयोजन ने महत्वपूर्ण मीडिया ध्यान आकर्षित किया। बाजा बीसी ने प्रमुख रेडियो स्टेशनों जैसे रेड एफएम, स्पाइस रेडियो और रेडियो फिजी मिर्ची पर व्रतियों के साक्षात्कार आयोजित किए, जिससे व्यापक समुदाय में इस त्योहार के सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया गया।
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बाजा बीसी का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएँ
*बाजा बीसी का उद्देश्य बिहार और झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और प्रचार करना है। संघ अगले वर्ष इसे एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में पंजीकृत करने और सरस्वती पूजा, होली मिलन, दिवाली, और बड़े स्तर पर छठ पूजा जैसे त्योहारों को आयोजित करने की योजना बना रहा है।
संघ का गठन और समर्पित टीम
बाजा बीसी की अवधारणा काउंसलर अमिताभ रंजन द्वारा राजीव ठाकुर और नूतन ठाकुर के साथ साझा की गई थी। संस्थापक टीम ने व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया अकाउंट (इंस्टाग्राम, यूट्यूब, और फेसबुक) और एक डोमेन नाम बनाकर डिजिटल उपस्थिति स्थापित की। मुख्य टीम के सदस्य, जैसे राजीव रॉय, कुमुद प्रसाद, शंकर सिंह, साकेत जी, राहुल राकेश, और रोशन राज, ने इस विचार को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आदित्य कुमार, आलोक, वशिष्ठ, ओम और शंभाविका के नेतृत्व में समर्पित स्वयंसेवक टीम ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। RSVP टीम, जिसमें सत्यम, खुशबू, नंदिता, प्रवीण और सोनम शामिल थे, ने उपस्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया।
भविष्य की ओर
बाजा बीसी चैरिटेबल संगठन के रूप में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने, अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने और बिहार-झारखंड की परंपराओं को संरक्षित करने का इरादा रखता है। इस मिशन का उद्देश्य ब्रिटिश कोलंबिया की बहुसांस्कृतिक संरचना को समृद्ध करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए भारतीय विरासत को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष
वैंकूवर छठ पूजा 2024 न केवल एक धार्मिक उत्सव था, बल्कि एक ऐसा आयोजन था जिसने वैंकूवर में बसे भारतीय समुदाय के दिलों में अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और जुड़ाव को बढ़ावा दिया। बाजा बीसी का यह सफल आयोजन भविष्य में भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगा।