हम लोग वरिष्ठ नागरिक स्वरूप 55 से 60 के उस पार एक शानदार उम्र के दौर में हैं । शायद हम लोग उम्र के इस मोड़ पर भी बहुत खूबसूरत दिखते हैं, ऐसा मेरा विश्वास है । हमारे पास लगभग वह सब कुछ है जो हम बचपन में चाहते थे ।
हम स्कूल या काम पर नहीं जाते है लेकिन हमें , हमें कहीं भी जाने के बाद एक निश्चित समय पर वापस नहीं आना पड़ता।हममें से कुछ के पास अभी भी ड्राइविंग लाइसेंस और यहाँ तक कि अपनी कार भी है।
तो जीवन सुंदर है ना !
साथ ही, हम अविश्वसनीय रूप से असीमित अनुभव के कारण होशियार भी हैं । हमारा मस्तिष्क थोड़ा धीमा चलने लगा है क्योंकि यह ज्ञान से भरा हुआ है।हमारे दिमांग में कई चीजें जमा हो जाती हैं, जो हमारे आंतरिक श्रवण शक्ति पर दबाव डालती हैं, जिसके कारण हमें कभी-कभी सुनने में समस्या होती है। यह मानव तंत्र बिल्कुल वैसा ही है जैसे कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव, जो धीमी हो जाती है क्योंकि वह विभिन्न फाइलों से भर जाती है।हमारा मस्तिष्क कमजोर नहीं लेकिन इसमें बहुत सारी जानकारीयाँ जमा हो गई है। हमारी उम्र के लोग, कभी-कभी हम एक कमरे में जाते हैं और हमें याद ही नहीं रहता कि हम क्या करना चाहते थे, या हमें याद नहीं रहता कि हमने कुछ कहाँ रखा था।
*यह बिल्कुल भी याददाश्त की समस्या नहीं *
प्रकृति हमें कम से कम थोड़ी देर और चलते रहने के लिए मजबूर करती है।
हमारी आयु के सभी लोगों के लिए अवश्यक –
*आवश्यक खाद्य पदार्थ *
1. सब्जियाँ और फल।
2.सलाद प्रचुर मात्रा में लें ।
3. मेवे खूब खायें ।
4. जैतून का तेल युक्त भोजन पर जोर दें ।
5. स्वस्थ भोजन पर ध्यान दें ।
भूलने की कोशिश करने वाली तीन चीजें:
1. उम्र
2. अतीत
3. नाराज़गी
चार महत्वपूर्ण चीजें
1. परिवार
2. दोस्त
3. सकारात्मक विचार
4. वर्तमान में जिएँ।
आपके सबसे महत्वपूर्ण कार्य:
1. खूब हँसें।
2. खेलकूद करें, लेकिन केवल अपनी गति से।
3. दोस्तों और नाती-नातिनों के साथ अधिक समय बिताएँ।
4. कोई भी कार्यक्रम मिस न करें।
आठ ज़रूरी बातें
1. पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतज़ार न करें। ज़्यादा बार पिएँ।
2. जल्दी न उठें, पर्याप्त नींद लें।
3. आराम करने के लिए थकने का इंतज़ार न करें।
4. मेडिकल जाँच करवाने के लिए बीमार होने का इंतज़ार न करें।
5. भगवान पर विश्वास करना कभी न छोड़ें। चमत्कार होते हैं।
6. सकारात्मक रहें और हमेशा अच्छे की उम्मीद करें।
7. गरीबों में ही भगवान का स्वरूप होता है, उनकी सेवा अपनी हैसियत अनुरूप अवश्य करें , सुकून मिलेगा ।
8. अपनी कोई ना कोई हॉबी जरूर अपनायें ताकि समय गुजारने में वक्त कम पड़े ।
धन्यवाद
संकलनकर्ता : प्रदीप कुमार अग्रवाल ‘प्रदीप्त
नया साल
उम्र की डोर से फिर
एक मोती झड़ रहा है….
तारीख़ों के जीने से
दिसम्बर फिर उतर रहा है..
कुछ चेहरे घटे, चंद यादें
जुड़ी गए वक़्त में….
उम्र का पंछी नित दूर,
और दूर निकल रहा है..
गुनगुनी धूप और ठिठुरी
रातें जाड़ों की…
गुज़रे लम्हों पर झीना-झीना
सा इक पर्दा गिर रहा है..
ज़ायका लिया नहीं और
फिसल गई ज़िन्दगी…
वक़्त है कि सब कुछ समेटे
बादल बन उड़ रहा है..
फिर एक दिसम्बर गुज़र रहा है..
बूढ़ा दिसम्बर, जवां जनवरी के कदमों मे बिछ रहा है…
लो अब इस सदी को फ़िर नया साल लग रहा है.