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आयी हैं माँ

हाथी की सवारी पर आयी हैं भवानी करने कल्याण सबकी माता रुद्राणी। चँवर डुलाओ माँ की आरती उतारो अगर कपूर संग घृत दीप जलाओ । चमके मैया के माथे मुकुट स्वर्ण का आओ जी सखी दर्शन माँ के पाओ। ममता की मूरत हैं माँ अम्बे यह मेरी आयी हैं विनती सुनने माता ब्रह्माणी। जीवन जगमग…

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अंतरिक्ष यात्री का त्याग किसी भी उच्च से उच्च श्रेणी के तपस्वी से महान है

गृह और किसी अन्य ग्रह का दृश्य एक जैसा कैसे हो सकता है ?  ग्रह पर जोखिम बहुत है। अगर हमारी फ्लाइट या ट्रेन की समय-सारिणी बदल जाती है, तो हम एक प्रकार से एयरपोर्ट अथवा स्टेशन पर फंस जाते हैं और हम इन क्षणों में बेचैनी और हताश से भर जाते हैं। सोचिये क्या…

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ट्रॉली बैग…

‘सा’ब कुली?’ मैंने बिना उसकी ओर देखे ही ना कर दिया। ‘सा’ब, आपका सामान सीट तक पंहुचा दूंगा, बस पचास रुपए दे देना।’ मैंने मोबाइल से नजरें उठाई, बारह तेरह बरस का दुबला सा लड़का बड़ी आशान्वित नजरों से मुझे देख रहा था। मैंने कहा – ‘ज़रूरत नहीं है,’ और फिर मोबाइल पर नज़रें गड़ा…

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होली में बिखरे रंग

होली में बिखरे रंग गुलालपीले हरे गुलाबी लालयमुना तट तरु तमाल             होली खेले बृज नन्द लाल       सखी सखा मिल किये धमालझूमे गायें मिलायें तालटेसू पीसें सुमन संभालरंगें केसरिया पट गाल पूजें गौरी गणेश चन्द्रभालनाचें काशी बूढ़े संग बालपीसें मेवा सिलबट्टा डालभाँग में दिये सभी घुटाललगाये भोग दर्शी त्रिकालमेवा मिठाई गुजिया थालआवन को है नव सालदिये बधाई मिल…

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की सभी महिलाओं को बहुत बहुत शुभकामनाएँ : सीमा शर्मा

हम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ स्वयं उठानी है न कि मध्य संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है माँ अर्थात वार्ता के रूप में नारी की धरती पर अपने सबसे पवित्रतम रूप में है न कि नारी को ईश्वर ने जन्मदात्री के रूप में उतारा है  नारी ही…

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वीआईपी कल्चर

बेटी के स्कूल का एनुअल फंक्शन था। रितिका जाना भी नहीं चाह रही थी लेकिन बेटी को प्राइस मिलना था इसलिए उसे जाना पड़ा। 6:00 से फंक्शन स्टार्ट था शाम को। इसलिए समय से ही चली गई। ऑडिटोरियम में चार लाइन कुर्सियों की वीआईपी के लिए रिजर्व कर रखी थी जिन पर सफेद कवर भी…

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तांटक छन्द

दुख में दीनानाथ हमेशा, साथ खड़े हो जाते हैं। होते वही सहायक सबके, काम सभी के आते हैं। आता है जो जीव शरण में,भवसागर तर जाता है। दयासिंधु के धाम सहज ही, मानव वह जा पाता है। जपले हरि का नाम सखी री, माया एक झमेला है। चारदिनों का जीवन खाली, बस इतना ही खेला…

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तुम फागुन ही फागुन हो

गूंथ लिया सारा बसंत अपने जूड़े में , मौसम कहता है तुम फागुन ही फागुन हो। होटों से लिपट लिपट मखमली हंसी तेरी, दूधिया कपोलों का चुंबन ले जाती है। झील के किनारों को काजल से बांधकर, पनीली सी पलकों में सांझ उतर आती है। महावरी पैरों से मेहंदी रचे हाथों तक, छू छू कर…

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विवाह

विधा:-कविता युगल बिताने अपना जीवन, बंधन में बॅंध जाते हैं। हर विवाह की रीति यही है, पति-पत्नी कहलाते हैं॥ धर्म विधान मान्यता पालन, निज समाज का संग रहे। हक सह दायित्वों का संगम, पत्नी का पति अंग रहे॥ नहीं अनैतिकता का पोषक, सुखी शांति उद्देश्य रहे। अत्याचार कमी हो जीवन, मेल-जोल का भाव रहे॥ निर्वाहन…

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बसंत : डॉक्टर सरला

आयो बसंत मधुमाह सखी , सब ओर सुहानी ऋतु छाई । वृक्षों ने नवपत्र किए धारण, कलियां धीरे से मुस्काईं । गीत सुनाती कोकिल देखो, भौंरे  भी  राग   सुनाते  हैं । अम्बर खुश है देखो कितना , देख  धरा   मुस्काई   है । आयो बसंत मधुमाह सखी , सर्वत्र खुशी – सी छाई है । आम्रबौर …

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