Special Article
सम्पादकीय : मनमोहन शर्मा ‘शरण’
आप सभी को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं । राष्ट्रीय स्तर पर लालकिले पर हर वर्ष की भांति बहुत भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ । प्रधानमंत्री जी ने बहुत बड़ा भाषण भी दिया । राज्य स्तर पर भी सभी सरकारें मनाती हैं तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं भी देशभक्ति से ओतप्रोत…
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में गांधी जी का अमूल्य योगदान : लाल बिहारी लाल
मुगल साम्राज्य से जब सता अंग्रैजो के हाथ में गई तो पहले अंग्रैजों का व्यापारिक उदेश्य था पर धीरे-धीरे उनका राजनैतिक रुप भी समने नजर आने लगा। और वे अपने इस कुटिल चाल में कामयाब भी हो गये । धीरे –धीरे उनके क्रिया-कलापों के प्रति जनमानस में असंतोष की भावना पनपने लगी इसी का परिणाम सन…
स्वतंत्रता दिवस अमर रहे।
15अगस्त 2021 क्या हम अपनी स्वतंत्रता खो रहे हैं? मार्टिन _उमेद, देहरादून 15अगस्त 1947 को भारत देश ने आज़ादी मे कदम रखा. आज 15 अगस्त 2021 को भारत अपनी आजादी के 74 साल पूरे कर रहा है। देश में स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए चारो ओर की फिज़ाओ मे तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।…
राजनीति और ज़मीर : राजकुमार अरोड़ा गाइड
बड़ा ही विरोधाभास है इन दोनों में आजकल, राजनीति में सफल होना है तो ज़मीर को ताक पर रख कर ही सम्भव है। येन,केन,प्रकारेण बस सत्ता पाना ही लक्ष्य हो तो नैतिकता की जरूरत नहीं,अनैतिक होना ही होगा। भाजपा कश्मीर से कन्याकुमारी तक,कच्छ से आसाम तक पूरे राष्ट्र में हर हालत में स्वयँ को देखना…
विश्व के 100 हिंदी रचनाकारों में हिंदी लेखिका सविता चड्ढा 83वें स्थान पर
राही सहयोग संस्थान जयपुर ने विश्व के सौ रचनाकारों की सूची प्रकाशित की है। यह बहुत ही खुशी की बात है कि पंजाब केसरी में नियमित लेखन करने वाली हिंदी साहित्यकार को इस सूची में 83वां स्थान मिला है।इस रैंकिंग पर सविता जी का कहना है कि गीता के अनुसार कर्मयोग ही लेखक की कर्मभूमि…
पेगेसस से भी खतरनाक अवसरवादी नेता
ब्राह्मण सम्मेलन क्युकी ब्राह्मणों को उलझाना है । ईद पर टोपी क्युकी मुसलमानों को टोपी पहनाना है ,ये सब नेताओं का चाल चरित्र है । ये नेता तो इतने गिरे है कि डकैत फूलन देवी तक को माला फूल पहनाकर सोशल मीडिया पर परोश रहे , उससे भी ज्यादा शर्मनाक रहा जब मियां खलीफा की…
आंकड़ों के खेल ने बढ़ा दीं मुश्किलें
राजनीतिक सफरनामा — कुशलेन्द्र श्रीवास्तव जब आंकड़ों का पौधा लहलहाता है तो धरातल दिखाई देना बंद हो जाता है । सरकार के सारे काम आंकड़ों के इर्दगिर्द ही घूमते हैं । यही तो कारण है कि संसद में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बता दिया कि हाल ही में सम्पन्न हुए कोरोनाकाल में किसी की भी…
स्वतंत्र् है अपनी धरा, मन में बहती गंग है
सम्पादकीय, मनमोहन शर्मा ‘शरण’ सर्वप्रथम आप सभी को स्वतंत्र्ता दिवस की हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएँ ।इस बार विशेष इसलिए भी है कि 15 अगस्त 2021 को हम 75वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं जो अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है ।आज हम एक पड़ाव पर पहुँचे हैं जहां हमें 7 दशक…
भारत की एकता शांति समृद्धि और विकास का संकल्प हो
कविता मल्होत्रा (संरक्षक , स्तंभकार, उत्कर्ष मेल) भारत की आज़ादी का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय ध्वज फहरा देने भर से किसी भी भारतवासी का अपने राष्ट्र के प्रति दायित्व पूरा नहीं हो जाता।भारत की एकता, शांति, समृद्धि और विकास का प्रतीक तिरंगा फहराना कोई रस्म नहीं बल्कि अपने देश के प्रति रक्षात्मक प्रवृत्ति का…
सावन कजरी और झूला
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही,पूर्वांचल के बाग झूला गीतों से चहक उठते हैं और कजरी गायन की प्रथा का पालन शुरू हो जाता है, भाद्रपद कृष्णपक्ष की तृतिया को कजरी तीज मनाई जाती है,इस दिन महिलाएं व्रत करती हैं और रतजगा करते हुए कजरी गायन करती हैं।कजरी मे मुख्यतः संयोग वियोग और वर्षा…