दिनांक 27 मार्च 2022 , दिल्ली कर्णाटक संघ सभागार , राव तुला राम मार्ग में अखिल भारतवर्षीय श्रीचौरासिया ब्राह्मण महासभा (पंजी.) के शताब्दी समारोह के अंतर्गत भारत की 16 अन्य राष्ट्रीय ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सान्निध्य में(जिनमें २ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत हैं) राष्ट्रीय ब्राह्मण महासम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया .
इस महासम्मेलन में पूर्व घोषित प्रमुख विचारणीय विषय इस प्रकार थे
: १. ब्राह्मण समाज की वर्तमान समस्याएँ एवं निदान , 2. राष्ट्रीय ब्राह्मण आयोग का गठन , 3. संविधान की धारा (30) का धारा (22) के अनुसार संशोधन अथवा समाप्ति , 4. राष्ट्रीय ब्राह्मण समन्वय समिति /प्रतिनिधि सभा की स्थापना 5. श्री परशुराम राष्ट्रिय वेद विद्यालय एवं शास्त्र अनुसंधान संस्थान की स्थापना
सत्र का प्रारंभ में भारतीय वादय यंत्रों के द्वारा प्रभावशाली संगीत ध्वनि के द्वारा सभागार में उपस्थित सभी आगंतुकों को मंत्र मुग्ध कर दिया . सभी को केसर, चन्दन का तिलक करके प्रवेश कराया गया. मंचासीन विशिष्ट अतिथियों के स्वागत सम्मान के समय सभागार में उपस्थित देवियों एवं सज्जनों का पुष्प वर्षा करके सम्मान किया गया
मुख्य संयोजक एवं संचालक इंजीनियर ओमप्रकाश वशिष्ठ ने कार्यक्रम के प्रारंभ की विधिवत घोषणा करते हुए अखिल भारतवर्षीय श्रीचौरासिया ब्राह्मण महासभा (पंजी.) के राष्ट्रिय अध्यक्ष पंडित डी डी शर्मा जी द्वारा भगवान् परशुराम पूजन कराया गया तथा उद्घाटनकर्ता प्रोफेसर राकेश कुमार पाण्डेय जी को दीप प्रज्वलन हेतु मंच पर आमंत्रित किया गया , स्वागत अध्यक्ष परमेश्वर प्रशाद कौशिक जी ने इन दोनों के साथ मिलकर दीप प्रज्ज्वलन की प्रक्रिया को सम्पादित किया ।
श्रीमान पं डी डी शर्माजी को महासम्मेलन की अध्यक्षता में कार्यक्रम आगे बढ़ा। विभिन्न ब्राह्मण संस्थाओं से पधारे मंचासीन विभूतियों को शाल, अंगवस्त्र प्रदान करके सम्मानित किया गया जिनमे डॉक्टर कुलदीप शर्मा (जम्मू), राष्ट्रिय महामंत्री (ब्राह्मण आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इंडिया), पंडित देव दत्त शर्मा (आईएएस), राष्ट्रिय महामंत्री , राष्ट्रिय परशुराम परिषद्, पंडित शरद चन्द्र पाण्डेय (राष्ट्रिय महामंत्री- अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद्), पंडित रविन्द्र रैना (फरीदाबाद), संयोजक -कश्मीरी पंडित समाज, डॉक्टर वी, डी शर्मा (उत्तराखंड), प्रचार मंत्री- ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद्, पंडित मनोज पालीवाल (जोधपुर), अखिल भारत पालीवाल ब्राह्मण संघ, कर्नल अमित दत्ता (मोहयाल ब्राह्मण सभा प्रतिनिधि), एडवोकेट रवि गौड़, स्थापनकर्ता एवं समन्वयक दी गौर फाउंडेशन कानपुर। भारतीय नेपाली ब्राह्मण समिति के प्रतिनिधि श्री पं बाबूलाल खनाल, विश्व ब्राह्मण संघ के संस्थापक अध्यक्ष पंडित मांगे राम शर्मा जी , श्री गिरी प्रसाद शर्मा (हेदराबाद), संस्थापक अध्यक्ष – ग्लोबल ब्राह्मण हेल्प डेस्क, रिभुकांत गोस्वामी , दी आल इंडिया ब्राह्मण सभा , श्री संदीप चतुर्वेदी प्रतिनिधि अखिल ब्राह्मण उत्थान महसभा- कुमाऊं मण्डल,श्री सी एम् नागराजा जी प्रतिनिधि कर्णाटक ब्राह्मण संघ आदि थे।
इसके उपरान्त संयोजक -संचालक श्री ओमप्रकाश वशिष्ठ जी ने अखिलभारतवर्षीय श्री चौरासिया ब्राह्मण महासभा की और से राष्ट्रिय महामंत्री पंडित प्रदीप शर्मा (एडवोकेट) को आयोजक संगठन के परिचय के लिए उद्बोधन हेतु आमंत्रित किया, जिन्होंने श्रीचौरासिया ब्राह्मणों के इतिहास एवं गौरव पर प्रकाश डाला . महासभा द्वारा चलायी जा रही समाज कल्याण योजनाओं के बारे में बताया तथा महासभा की धरोहर के विषय में जानकारी प्रदान की . तथा कोरोना संकट काल में भी अपने समाज की मदद से प्रधानमंत्री केयर फण्ड में 5 लाख 4 हज़ार रूपये की दान राशी दी. ।
इसके उपरान्त संयोजक एवं संचालक पंडित ओमप्रकाश वशिष्ठ ने कार्यक्रम के उद्घतानकर्ता प्रोफेसर राकेश कुमार पाण्डेय जी,पूर्व कुलपति श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को आमंत्रित किया गया। जिन्होंने अपने ओजस्वी भाषण में भारत की व्याख्या एवं वेदों को संस्कृति का मूल आधार बताया, और इस बात पर विशेष जोर दिया की भारतीय संस्कृति को बचाने में ब्राह्मणों का विशेष योगदान है . उन्होंने एक हास्य प्रसंग कहकर वातावरण को थोडा सहज करने का प्रयास किया “ ब्राह्मण ठाकुर नाऊ, आपस में देख गुर्राऊ” , तथा ब्राह्मणों का दर्द भी बयान किया कि सरकार मस्जिद, गिरिजाघर और गुरुद्वारों से उनकी आय नहीं लेती जबकि मंदिरों से लेती है . वहीँ दूसरी और पुजारियों को सरकार की और से कोई आर्थिक मदद नहीं होती और अन्य को देती है .।
आयोजन समिति ,अखिल भारतवर्षीय श्रीचौरासिया ब्राह्मण महासभा (पंजीकृत) ने सभी विशिष्ट विभूतियों को ब्राह्मण गौरव सम्मान से सम्मानित किया।
आमंत्रित ब्राह्मण संगठनों के व्दारा संबोधन करने के क्रम में सर्व प्रथम कश्मीरी पंडित समाज के पंडित रविन्दर रैना जी ने कश्मीरी पंडित समाज के पलायन का शब्द चित्र साझा करके देश के सभी ब्राह्मण संगठनों को सावधान किया और एकता तथा सशक्त होने का आह्वान।
इनके उपरान्त उत्तराखंड ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद् के प्रचार मंत्री श्री वी डी शर्मा जी ने अपनी बात रखी और बताया कि एकजुट होकर ही हम अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकते हैं और मनवा सकते हैं. उन्होंने आयोजन के मुख्य संयोजक श्री ओमप्रकाश वशिष्ठ जी को शाल अर्पण कर सम्मानित किया. । अब कर्नल दत्ता जो मोह्याल ब्राह्मण सभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे , ने आकर मोह्याल ब्राह्मणों के इतिहास एवं गौरव पर अपने विचार रखे और कहा कि देश की रक्षा में मोह्याल ब्राह्मणों का अभूतपूर्व योगदान रहा है , आज भी हम देखते हैं बक्शी, दत्ता, आदि सरनेम आपको देश की सेना में वरिष्ठ पदों पर देखे जाते रहे हैं. ।इनके बाद भारतीय नेपाली ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि श्री पं बाबूलाल खनाल जी को आमंत्रित किया जिन्होंने संक्षिप्त में संस्कृत भाषा में महासम्मेलन के उद्देश्यों का समर्थन किया।. इनके उपरान्त देवज्ञ वेणीमाधव गोस्वामी जी के पुत्र (जो उनके स्थान पर पधारे थे) को आमंत्रित किया जिन्होंने अपने ओजस्वी भाषण में ब्रह्मनत्व एवं गुरु ब्रहस्पति देव पर अपने विचार रखे और , ब्राह्मण शक्ति का आवाहन किया . ।इनके बाद तेलंगाना से पधारे ग्लोबल ब्राह्मण डेस्क (Global Brahman Help Desk) के संस्थापक श्री गिरीप्रसाद शर्मा जी को आमंत्रित किया गया जिन्होंने अपनी संस्था द्वारा ब्राह्मणों के उत्त्थान में किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया और भारत के किसी भी कोने में रह रहे ब्राह्मण , जिसे उच्च शिक्षा की आवश्यकता है, को अपने संस्था में आमंत्रित किया , यदि आने जाने का व्यय भी करने में वह बालक असमर्थ है तब उसकी भी व्यवस्था का आश्वसान दिया, जिसको करतल ध्वनी से भूरी भूरी प्रसंशा मिली. । उन्होंने समन्वय समिति की अगली बैठक हैदराबाद में करने की घोषणा की और सभी को उसमे आमंत्रित किया , जिसकी पूरी व्यवस्था उनकी संस्था करेगी ।
.इनके बाद अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद् के महामंत्री श्री शरद चन्द्र पाण्डेय को अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया , जिन्होंने स्पष्ट किया कि आज ब्राह्मणों में अपने को उपेक्षित पाया जाने के कारण बहुत कोलाहल है जिसे आज की विशाल उपस्तिथि सिद्ध करती है .। जब हम चैतन्यता को तिरोहित कर देंगे तब ब्राह्मणों के प्रति उपेक्षा स्वाभाविक है . ।जब तक ब्राह्मण संगठित नहीं होगा उत्थान होने संभव नहीं है . इनके बाद अखिल भारतीय पालीवाल ब्राह्मण सभा से पंडित मनोज पालीवाल को सम्मानित किया गया , और ब्राह्मण आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रिय महामंत्री डॉक्टर कुलदीप शर्मा (जम्मू) को अपने वक्तव्य प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने कहा की “चला था अकेला मंजिल की ओर, साथी मिलते गया और कारवां बनता गया’ उनका यह इशारा श्री ओमप्रकाश वशिष्ठ जी की और था .।उन्होंने कहा की भारत में पहले मुग़ल आये, फिर अँगरेज़ , सभी ने ब्राह्मणों को बुद्धिमान माना. इतिहास गवाह है कि ज्ञानी बड़े बन रहे हैं छोटा कोई नहीं बनना चाहता , और कहा कि यदि सभी ब्राह्मणों का भला होता है तो मै अपने को सबसे छोटा इस भरी सभा में कहता हूँ.। जातिवाद हावी हो रहा है , पहले हम पंडित जी थे और माफ़ मारिये अब “ओय पंडित” होने लगा है. उन्होंने भी महासभा द्वारा महासम्मेलन के सभी पांच बिन्दुओं का समर्थन किया ।
अब सेवानिवृत आई एएस अधिकारी पंडित देवदत्त शर्मा जो राष्ट्रिय परशुराम परिषद् के राष्ट्रिय महामंत्री हैं, ने अपने विचार साझा किये उन्होंने ब्राह्मणों की गरिमा बताते हुए कहा की बाबा तुलसी दास ने भी रामायण में ब्राह्मणों की वैभवता का बखान किया और “वन्दयुं प्रथम महिसुर चरना” सर्वप्रथम ब्राह्मणों की वंदना की .यदि हम भारत का इतिहास उठाकर देखें तब स्वतंत्रता सेनानियों की एक लम्बी लिस्ट हमें बतायेंगी की स्वतंत्रता संग्राम में ब्राह्मणों का क्या योगदान रहा . श्री चन्द्रशेखर आज़ाद, पंडित मदन मोहन मालवीय , तात्या टोपे, लक्ष्मी बाई आदि . भगवान् राम ने सभी ब्राह्मण गुरुओं का सम्मान किया , दी कश्मीर फाइल का भी उन्होंने जिक्र किया . नौकरी, शिक्षा में रिजर्वेशन के कारन ब्राह्मण उपेक्षित होता जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है , हमें मिलकर हल निकलना होगा , ब्राह्मण परिवारों की चिंता व्यक्त करते हुए बताया की अच्छे पड़ेलिखे युवक युवतियां आज चपरासी, माली, ड्राईवर और यहाँ तक कि सफाई कर्मचारी के लिए भी आवेदन करने लगे हैं , जो विचारणीय है . इन्होने भी पाँचों बिन्दुओं का पुरजोर समर्थन किया और हमें संवैधानिक अधिकार मिले , इसके प्रति अपना पूर्ण समर्पण एवं समर्थन दिया. साथ ही इन्होने यह चिंता भी व्यक्त की कि अब ब्राह्मण परिवारों के बच्चे अपने लिए योग्य वर-वधु अपने समाज में ही चयन करने के स्थान पर बहार से कर रहे हैं , जिसपर हमें मंथन करने की आवश्यकता है .
अब विश्व ब्राह्मण संगठन के संस्थापक पंडित मांगेराम शर्मा जी को आमंत्रित किया जिन्होंने अपनी संस्था द्वारा ब्राह्मणों के उत्तथान में किये जा रहे कार्यों को बताया और चिता व्यक्त करते हुए कहा कि ब्राह्मण हजारों सीटों पर केवल वोट तो डाल सकता है किन्तु स्वयं चुनाव नहीं लड़ सकता ( आरक्षित क्षेत्रों में) यह कितना भद्दा मज़ाक लगता है , आज ब्राह्मण परिवारों का पलायन हो रहा है और वे विदेशों में जाकर उच्च शिक्षा और रोज़गार के अवसर तलाश रहे हैं , इसी बीच पंडित मांगे राम जी ने अनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक “पुरुष सूक्त” का लोकार्पण किया , पुस्तक लेखक पंडित मुनिराज शर्मा (जो विश्व ब्राह्मण संगठन के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष हैं), संपादक मनमोहन शर्मा ने सभी विभूतियों को ‘पुरुष सुक्क्त’ पुस्तक एवं राष्ट्रिय पाक्षिक पत्र “उत्कर्ष मेल’ की एक प्रति भेंट की. ।
इसके बाद महासम्मेलन में प्रस्तुत पांचों विषयों पर मुख्य संयोजक ओमप्रकाश वशिष्ठ जी ने प्रस्ताव रख्खें जिसको सभी ने अपने हाथ उठाकर पाँचों बिन्दुओं का समर्थन कियाऔर सभी प्रस्ताव कर्तल ध्वनि और जयघोष से पारित हुए।सभी ने आज जागृत मशाल को अब जलते रहने का वचन भी दिया .।
आयोजन समिति के कुशल प्रबंधन, सञ्चालन और नाश्ते, भोजन की व्यवस्था की सभी ने भूरी भूरी प्रशंशा की .
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (संपादक)
कार्यक्रम की झलकियां संलंग्न हैं।