बुलडोज़र की सार्थकता
कविता मल्होत्रा (स्थायी स्तंभकार एवं संरक्षक उत्कर्ष मेल) आजकल अवैध क़ब्ज़ों को लक्षित करते हुए बुलडोज़र पर चर्चा आम है अनश्वर प्रेम को नज़रअंदाज़ करती नश्वर सत्ता का ही तो ये परिणाम है रक्त मास से बनी मानव देह की ज़रूरतें उतनी बड़ी नहीं हैं जितनी बड़ी उसकी अधिग्रहण की चाहतें हैं। मानव जीवन का…