Latest Updates

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-एक परिचय

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की अधिकारिक तौर पर यु0एन0{सन्युक्त राष्ट्र}ने 1975 में मान्यता दी थी.वैसे दर्जा मिल चुका था.1913 1910 में कफेगन के सम्मेलन में इसे अंतरराष्ट्रीय का में प्रथम विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर रुसी महिलाओं द्वारा 8 मार्च को यह दिवस मनाया गया.इसी समय यूरोप ओर उतरी अमेरिका में हुए श्रमिक आंदोलन से शुरुआत हुई थी.इसे देख लेनिन महान विचारक{Marxism} ने महिलाओं के सम्मान में 8मार्च को महिला दिवस की घोषणा पहला महिला दिवस -ऑस्ट्रिया,हंगरी, डेनमार्क,स्विट्जरलैंड,आदि.ने मनाया.
यूरोप में राष्ट्रियता के प्रसार और फ्रांस की क्रांति में भी महिलाओं का काफी योगदान रहा.पूर्व इतिहास में जाये तो एक फ्रांस के आर्टिस्ट फेड्रिक सोरीयो ने अपनी प्रसिद्ध पेंटिंग में भी महिला को स्वत्रंता का प्रतिक मान कर,केंद्र में दिखाया.जो एक हाथ में टोर्च,–जो राह दिखा रही है,एक हाथ में संविधान की प्रति,एकता,शांति का है.जिसके सामने से हर देश,जाति,वर्ग,के लोग अपने अपने देश के झंडे लेकर मार्च करते हुए जा रहे है.वहा जहां लोग नया उमंग,नये राष्ट्र की कामना करते है,जो स्वत्रंता समानता पर आधारित हो यानि”-प्रजातांत्रिक ओर  समाजिक स्वंत्रता”.अतःमहिला की भूमिका किसी भी राष्ट्र ओर समाज के लिये अहम होती है.
महिलाओं की वेदना,उपेझा,उत्पिडन ,भेदभाव अनन्त काल से है.उदाहरण–
फ्रांस की क्रांति के समय —वोट का अधिकार नहीं,न ही राजनीतिक गतिविधियों में.
इटली में-रोजगार,शिक्षा में भेदभाव
जर्मनी में—फौर केस फोर्मुला -FOUR KS FORMULAA
1.बच्चो की देखभाल 2.कपडे की सिलाई,सफाई 3.धर्म के प्रति आस्था 4.खाना बनाना घर के सदस्यों की सेवा आदि.
भारत में- सती प्रथा,बाल विवाह,पर्दा प्रथा, शोषण, दुर्व्यवहार आदि.
1918 में महिलाओं को वोट का अधिकार मिलने से तथा प्रथम व दितिय विश्व युद्ध में महिलाओं की भागीदारी से जर्मनी ओर ब्रिटेन की जीत में अहम भूमिका थी.फिर भी इन्हें रुब्बल यानि मलबा कहा जाने लगा.
.आज वैश्विकरण ने तथा बोधिकताबाद ने महिलाओं के प्रति बदलती सोच,समाज को जागरुक बना दिया है.हम भारत की बात करे तो आदि काल में-बाल विवाह,घरेलू हिंसा प्रभावित रही.
मध्यकाल में-भूमि पर अधिकार,सामाजिक रिति रिवाज का निर्वाह आदि-पर इसी काल में मीरा भी थी.
वैदिक काल में –महिलाओं की स्थिति अच्छी
स्वम्वर,नाट्यकला, नृतकला आदि.
गुप्त काल में संतानविहिन  की स्म्पति जब्त,–जैसा की अंग्रेज शासन काल में देखने को मिला.-झाँसी की रानी ने अंग्रेजों से लोहा लिया-आज भी सुभद्राकुमारी का गीत-“खुब लडी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी”-आज भी गाये जाते है..
प्राचीन संस्कृत में श्लोक है-
“यत्र नर्मस्तु पुज्यंते रम्न्तु तत्र देवता
यत्रेतास्तु न पुज्यंते सर्वास्त्त्राफला क्रिया”
आधुनिक काल में महिलाओं ने सभी झेत्र में सफलता प्राप्त कर रही है.-राजनिति,कला,तकनीकी,विग्यान,व्यवसाय,आसमान से सेना तक कोइ भी, कुछ भी अछूता नहीं है.ये गर्व की बात है.
1975 से1996 में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने पहली बार अंतरराष्ट्रिय.महिला दिवस के लिये एक थीम बनायी.2015 में सन्युक्त राष्ट्र सभा ने सतत विकास के तहत महिलाओं को सशक्तिकरण लेगिंक समानता,स्वत्रंता व अधिकार ,समूल विकास,मां का स्वस्थ आदि पर जोर दिया.
कई देशों में 8 मार्च को अवकाश की घोषणा की.बहुत जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम,प्रदर्शनियाँ,पुरस्कार वितरण का आयोजन होता है ,जो सिर्फ महिलाओं के लिये ही उनके उतम प्रदर्शन के लिये प्रस्तुत किये जाते है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग बैंगनी,हरा,ओर सफेद है.बैगनी -न्याय ओर गरिमा का प्रतिक,हरा–आशा का,सफेद–पवित्रता का.जो विश्वभर में माना है.आज 2025 के अंतरराष्टीय महिला दिवस की थीम का उद्देश्य –ये है–
1-समाजिक न्याय
2-आधी आबादी को सरकारी व निजी संगठन में भागीदारी
3-अवसर -प्रतिभाव को निखारने का ,खेल कुद का आयोजन,बहुमुखी विकास आदि.
4-स्वास्थ्य ओर शिक्षा पर विशेष जोर
5-उत्पिडन ओर रुडिवदिता को दूर करना.
“बेटी बचाओ,बेटी पढाओ ‘के अंतर्गत कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है-मेधावी छात्रा को स्कूली फीस माफ आदि आदि.इस निति के तहत —ग्रामपंचायत,विधानसभा,स्थानीय निकायों में आरझण की व्यवस्था हो रही है.अतः महिलाओं को भी इन योजना को सफल बनाने के लिये पर्याप्त भागीदारी जरूर होनी चाहिये.सच है –
“आधी आबादी की आंखों में आंसू हो तो,देश की उन्नति सम्भव नहीं’—  
                                                        महात्मा गांधी
नारी की सच्ची स्वाधिनता का एहसास तभी हो पायेगा जब वह आजादी को अपने ह्रदय से महसूस कर पायेगी.
सभी महिलाओं को इस शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई.
                                         जय हिंद,जय भारतीय.
—————————————————————————
                                                लेखिका
                                                         वीणा प्रसाद-
                                                          तेलंगाना हैदराबाद.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *