साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा (राजस्थान) में पूज्य आचार्य भगवतीप्रसाद देवपुरा की 10 पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राहुल को 06 जनवरी 2024 को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ और हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा पुरस्कार प्राप्त डॉ.राहुल एक ख्याति-प्राप्त आलोचक-कवि हैं।अबतक इनकी 80 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्माजी ने उत्तर रामकथा पर आधारित “युगांक “(महाकाव्य)का विमोचन करते हुए बीसवीं सदी का महत्वपूर्ण ग्रन्थ बताया और कहा– ‘इससे भारतीय सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को विशेष बल मिलेगा व संस्कृति की पुनर्प्रतिष्ठा होगी।’
अयोध्या के प्राचीन इतिहास के सम्बन्ध में “आधुनिक परिप्रेक्ष्य में अयोध्या” इनकी सद्य: प्रकाशित पुस्तक है। यह पुस्तक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यशस्वी माताश्री हीरा बैनजी सादर समर्पित है। वर्तमान संदर्भ में इसकी वैश्विक स्तर पर विशेष चर्चा हुई है क्योंकि इसपुस्तक में 1528 ई से अबतक का सम्पूर्ण इतिहास और संघर्ष गाथा समन्वित किया गया है। डॉ.राहुल की अन्य महत्वपूर्ण कृतियों में रामायण: मूलकथा (3 भाग) तथा श्रीमद्भगवद्गीता:मूलकथा(2 भाग)सहित ‘अज्ञेय का काव्य शिल्प और संवेदना’ जिसमें कविवर अज्ञेय की रचनाधर्मिता का नितान्त नये ढंग से विश्लेषण किया गया है। इसकी प्रशंसा बड़े आलोचकोंने की। संस्था के अध्यक्ष श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने डॉ.राहुल की इन साहित्यिक विविध उपलब्धियों की भूरि- भूरि सराहना करते हुए एक समर्पित साहित्यकार बताया।