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प्लास्टिक छोड़े जीवन से नाता जोड़े-  लाल  बिहारी लाल

++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++दुनिया में 128 देश पहले ही प्लास्टिक थैलियों पर प्रतिवंध लगा  चुके है। भारत भी इस कड़ी में सुमार हो गया है। जहां 2 अक्टूबर 2019  से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हो गया है।  इसकी घोषणा लाल किले से प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2019 को की थी हालाकि पिछले दो दशक से इस पर बातचीत चल रही थी  लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन…

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अपने होने का आनंद- आत्म निरीक्षण 

सुख-दुःख का संबंध मन और शरीर से होता है, जबकि आनंद का संबंध अंतरात्मा से होता है। आनंद अगर मिल जाए तो व्यक्ति उसे छोड़ना नहीं चाहेगा। प्रश्न यह है कि आनंद की प्राप्ति कैसे हो? इसके लिए हमें स्वयं से प्रेम करना और दूसरों में प्रेम बांटना होगा। ईश्वर द्वारा निर्मित जीवों के प्रति…

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प्रेम भारद्वाज ‘ज्ञानभिक्षु’150 से ज्यादा राष्ट्रिय अवार्ड्स से सम्मानित

प्रेम भारद्वाज ‘ज्ञानभिक्षु’,लेखक,कवि, समालोचक, 7 अंतरराष्ट्रीय साहित्य अवार्ड विजेता,150 से ज्यादा राष्ट्रिय अवार्ड से सम्मानित, हिन्दी, उर्दू, संस्कृत, अंग्रेजी आदि भाषाओं में साहित्य सर्जन,लगभग 100 पुस्तकें जिन पर समीक्षा संपादक,कई मासिक और पाक्षिक पत्रिकाओं में निरन्तर लेखन और संपादक,टीबी , रेडियो पर 100 से ज्यादा काव्य पाठ और साक्षात्कार आदि के साथ अन्तर्राष्ट्रीय मंचों का…

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आदिवासी समाज की लोकप्रिय नेत्री है द्रौपदी मुर्मू , अगली राष्ट्रपति बनने की ओर अग्रसर !

राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को चुनाव होने है और देश की राजनीति में पहला नागरिक कौन इसपर घमासान मचा है ! ममता बनर्जी अपने  अहम में चूर वामपंथ विचारधारा के साथ विपक्ष को भड़का रही जबकि बीजेपी ने धोबी पछाड़ लगा कर ममता समेत पुरे विपक्ष की हवा निकाल दी ।  अगला राष्ट्रपति…

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सावन को आने दो

कुछ तो ख़ता ज़रूर हुई होगी जमाने से वर्ना सावन क्यूँ आनाकानी करता आने से ✍️ हम सभी ने अपने स्कूलों के बंधे बंधाए सिलेबस में ये तो ज़रूर पढ़ा होगा कि धरती का कितना सारा हिस्सा पानी से घिरा हुआ है।सागर का पानी भाप बनकर बादल का रूप धारण कर लेता है और बरसात…

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आनंद से भरा प्याला पीने को मिलता है

खोजना है तो सिर्फ आनंद की खोज कर, संसार में स्वयं को आडंबर से अलग रख। झूठी प्रतिष्ठा  के पीछे  नहीं  भाग अधिक, बहुत कुछ करना है पास में है थोड़ा वक्त। लोग उलझायेंगे  किन्तु रहना है सावधान, धैर्यऔर विवेक से मंजिल तक पहुंचना है। आदमी के लिए कोई  काम असंभव नहीं, दृढ़-संकल्प  के  साथ…

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सही कदम

        घर के बाहर बारिश की झड़ी लगी हुई थी और अन्दर सीमा और रमेश चाय के साथ पकौड़े खाने का आनंद ले रहे थे । बारिश में ज्यादातर लोग चाय पकौड़े का आनंद लेते हैं। बातें करते करते सीमा को अपना बचपन याद आने लगा । कैसे वह बारिश में बाहर भाग जाती थी…

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गोपीनाथ बोरदोलोई

(10 जून, 1890 से 05 अगस्त, 1950) प्रारंभिक जीवन :- लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलाई का जन्म 10 जून, 1890 को असम के नौगाँव ज़िले के रोहा नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम श्री बुद्धेश्वर बोरदोलोई तथा माता का नाम श्रीमती प्रानेश्वरी बोरदोलोई था। जब गोपीनाथ मात्र 12 साल के ही थे तभी इनकी…

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आत्मालाप : उल्टे पांव भूत के

           देवेन्द्र कुमार पाठक गांव में अब मास्क कोई भी नहीं लगाता.हाँ, वे लोग घर, जेब, बैग-थैले में एक-दो मास्क जरूर रखे रहते हैं, जो कुछ पढ़े-लिखे हैं या फिर वे सयाने जिन्हें शासन-सियासत, आधि-व्याधि, सूखा-बाढ़, अकाल-गिरानी  और दुनियादारी की गहरी समझ है. जिनको ऐसे दुर्दिन भुगतने- झेलने के बड़े तल्ख और कड़वे अनुभव हैं….

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