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छोटे व मध्यम उद्योगधंधों तथा व्यापारियों के लिए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार से मांग

चंडीगढ़, 29 मार्च। राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने छोटे व मध्यम उद्योगधंधों तथा व्यापारियों के लिए लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार से ऋण माफी व बिना ब्याज कर्ज देने जैसी विभिन्न मांगें की है। बुवानीवाला ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन ने प्रदेश के हजारों छोटे व मध्यम व्यापारियों को बड़ें आर्थिक संकट में डाल दिया है। रोजमर्रा की टर्नओवर व नकदी प्रवाह रूकने के कारण व्यापारी वर्ग बेहाल है उन्हें अपने साथ काम करने वाले हजारों कर्मचारियों व दिहाड़ी मजदूरों के रोजगार का भी ध्यान रखना पड़ रहा है। बुवानीवाला ने कहा कि ऐसी स्थिती में प्रदेश सरकार को छोटे व मध्यम व्यापारियों को 2.50 लाख तक के कर्ज माफ करने, आपातकालीन वेतन योजना स्थापित करने व अगले तीन महीनों तक व्यापारी वर्ग पर निर्भर सभी कर्मचारियों को कम से कम 5 हजार रूपए महीने का योगदान देने की मांग की है। व्यापारी नेता ने सरकार से राज्य जीएसटी को आधा करने व इनके स्वयं के लिए एक चौथाई राज्य जीएसटी राशि रखने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य जीएसटी भुगतानों को 3 महीने के लिए टाला जाए। बुवानीवाला ने जीएसटी रिटर्न में देरी होने की वजह से जुर्माने से छूट देने के अलावा 6 महीने के लिए व्यक्तिगत आयकर को भी हटाने का आग्रह सरकार से किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन ने हजारों छोटे व मध्यम व्यापारियों को संकट में डाल दिया है। इसलिए सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि इन व्यापारियों को पिछले वर्ष के 25 प्रतिशत टर्नओवर तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाए। ताकि इनको नकदी प्रवाह की समस्या का सामना न करना पड़ें। बुवानीवाला ने प्रदेश सरकार से लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी फैक्टरियों में बिजली के कमर्शियल मीटर्स पर लगने वाले फिक्स चार्ज माफ करने, पानी के बिल व प्रॉपर्टी टैक्स पर भी छूट देने की मांग की। बुवानीवाला ने कहा कि छोटे उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों का बड़ा हिस्सा कही भी पंजीकृत नहीं है, ऐसे लोगों के बैंक खाते भी नहीं है। इसलिए प्रदेश सरकार सामाजिक संगठनों की सहायता इनकी पहचान कर इन्हें पंजीकृत करवाए व सहायता राशि कैश पहुंचाए। व्यापारी नेता ने कोल्ड स्टोरेज, पोल्ट्री उद्योग व अन्य ऐसे उद्योग जहां माल खराब हो गया है व हो सकता है उनको भी सरकार आर्थिक सहायता पहुंचाए व उनके मॉल की खरीददारी कर जरूरतों में सहायता रूप में वितरित करें। बुवानीवाला ने कहा कि कोरोना की वजह से होटल, रेस्तरां व खुदरा उद्योग बुरी तरह से पस्त हुआ है। सेवा उद्योग से संबंधित व्यवसायों का समर्थन करने के लिए सरकार को विशेष पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक किरायेदार जो बंद होने के कारण किराए का भुगतान करने में सक्षम नहीं है, उन्हें अधिकारियों या बैंक मालिकों से बंद या अतिरिक्त जुर्माना से बचाया जाए। छोटे दुकानदारों को बैंक कर्ज पर ब्याज में छुट के साथ किसानों से जुड़ें व्यापारी की बाढ़त 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत की करने की मांग भी बुवानीवाला ने की। बुवानीवाला ने कहा कि आढ़तियों की फसल का भुगतान 72 घंटे में होना चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर किसान के ऊपर पड़ता है। नई वुड बेस्ड इंडस्ट्री की लाइसेंस राशि, जो सरकार के पास जमा है, वह तत्काल प्रभाव से वापिस की जाए व किराना दुकानदारों, कैमिस्ट, सब्जी वालों व दूध जैसी जरूरतें पूरी करने वालो को भी मासिक भत्ता मिलना चाहिए। 


Regards,
Ashok Buwaniwala

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