कृष्णा शर्मा जी की 2 रचना एवं परिचय
तकदीर की लकीरें” कौन आज आया तकदीर का, दरवाजा खटखटाने बता दे मुझे। कैसी है ये दस्तक जिंदगी में, कोई तो बता दे मुझे। तकदीर की लकीरें अजीब है, कौन पढ़ें आज इनको यहाँ। लकीरों में उलझी तक़दीर मेरी, कोई तो बता दे मुझे। कौन है जो मेरी तकदीर के, दरवाजे पर आज है खड़ा।…