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विनायक दामोदर सावरकर

(28 मई, 1883 से 26 फरवरी, 1966) प्रारंभिक जीवन                वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 में महाराष्ट्र के नासिक जिले के भागुर गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम श्रीमती राधाबाई सावरकर और पिता श्री दामोदर पंत सावरकर था। वीर सावरकर के तीन भाई और एक बहन थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नासिक…

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सेंट्रल सेक्रेटारियट एन-जी एम्प्लॉयीज यूनियन का 18वां द्विवार्षिक कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन

स्पीकर हाल, कंस्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग, नई दिल्ली मे दिनांक 30 अप्रैल, 2022 को सम्पन्न हुआ। इस कॉन्फ्रेंस मे अतिथि के रूप मे दिल्ली प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष माननीय के एम कर्मा ने दीप जलाकर शुभारंभ किया और अपने संबोधन में हर समय साथ रहने का भरोसा दिया। कॉन्फ्रेंस मे केन्द्रीय सचिवालय मे…

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मिले सुर मेरा तुम्हारा…..मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (सम्पादकीय)

आज एकाएक कम्प्यूटर में गीत बज उठा जो दशकों पूर्व दूरदर्शन पर खूब प्रचारित प्रसारित हुआ था – ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा––––’, इसको पंडित भीमसेन जोशी ने मुख्य रूप से स्वर दिए । यह विज्ञापन भारतीय जनमानस में एकता का संदेश पहुँचाने में सफल हुआ था ।इस बात से बात निकली…

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शुद्धिमंत्र बनें जो सदियों तक दोहराया जाएगा

कविता मल्होत्रा (स्थायी स्तंभकार, संरक्षक) बालक हो या शावक सबकी पालिका एक भेदभाव इंसानी कुंठा प्रकृति का इरादा नेक ✍️ हम सभी अपनी माँ की गोद पर तो अपना स्वामित्व समझने लगते हैं लेकिन उस मातृत्व की गरिमा को बनाए रखने के सब दायित्व नज़रअंदाज़ कर देते हैं।परिवार और समाज से मिलने वाली शिक्षा को हम…

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कस्तूरबा गाँधी : डॉक्टर मनोज

(11 अप्रैल, 1869 से 22 फरवरी, 1944) प्रारंभिक जीवन :- कस्तूरबा गाँधी का जन्म 11 अप्रैल सन् 1869 में काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। कस्तूरबा के पिता ‘गोकुलदास मकनजी’ एक साधारण व्यापारी थे और कस्तूरबा उनकी तीसरी संतान थी। उस जमाने में ज्यादातर लोग अपनी बेटियों को पढ़ाते नहीं थे और विवाह भी…

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हमने युद्ध नहीं बुद्ध को चाहा है (सम्पादकीय)

मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (संस्थापक, सम्पादक) सर्वप्रथम आप सभी को चैत्र् नवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं माँ भगवती की कृपा आप सभी पर बनी रहे, मेरी यही कामना है ।माँ की कृपा से ज्ञान–भक्ति–वैभव एवं समृद्धि में निरंतर वृद्धि होती रहे, ऐसी मेरी प्रार्थना है ।यदि मैं भारत की बात करूँ तो एक कृपा तो अवश्य…

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बैसाख़ पर गुलज़ार हो हर हृदय में प्रेम की शाख़

कविता मल्होत्रा (स्थायी स्तंभकार, संरक्षक) प्रेम के पल्लवों से गुलज़ार हो जाए हर शाख़ नवचेतना हर रूह में उतरे तो घटित हो बैसाख़ वक्त की रफ़्तार और प्रकृति के प्रहार धीमे धीमे अपने विभिन्न रंगों से समूचे विश्व को रंग रहे हैं।वैश्विक स्वास्थ्य केवल दैहिक उपकरणों की देख-भाल का परिमाण नहीं है, बल्कि वैश्विक मानसिकता…

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राजनीतिक सफरनामा : मैया कर दो दुष्टों का संहार

कुशलेन्द्र श्रीवास्तव नवरात्र तो आत्म जाग्रति का पर्व है । हर छैः माह बाद नवरात्रि पर हम माॅ की आराधना कर दुष्टों के संहार की प्रार्थना करते हैं । श्रद्धा, भक्ति से प्राप्त शक्ति हमें आगे बढ़ने की दिशा देती है । आज समूचे विश्व को ऐसी श्क्ति की आवश्यकता महसूस हो रही है ।…

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बेगम हज़रत महल

(तारीख अज्ञात 1820 से 07 अप्रैल, 1879) प्रारंभिक जीवन :- बेगम हज़रत महल का जन्म अवध प्रांत के फैजाबाद जिले में सन् 1820 में हुआ था। उनके बचपन का नाम मुहम्मदी खातून था। वे पेशे से गणिका थीं और जब उनके माता-पिता ने उन्हें बेचा तब वे शाही हरम में एक खावासिन के तौर पर…

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मंत्रालय वितरण में दिखा खुन्नस , योगी ने खुद सम्हाली अधिकतर महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी !

 जब यूपी में योगी 2.0 के 52 सहयोगियों ने शपथ ली तो जातिवादी समीकरण  ,प्याज के छिलके की तह परत दर परत खुलते दिखे। हद्द तो तब हो गई जब शपथ के बाद ग्रुप फ़ोटो सेशन हुआ था , बीच में मोदी , मोदी के एक बगल राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और दूसरी बगल योगी।…

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