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‘इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के’ (सम्पादकीय)

आप सभी को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं। लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 11वीं बार देश का तिरंगा लहराया और बहुत विस्तार से अपना सम्बोधन देशवासियों को समर्पित किया। जश्ने आजादी के कार्यक्रम सरकारी तौर पर, केन्द्रीय, राज्य स्तर पर सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर आयोजित करते हैं।…

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राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का रोचक इतिहास : लाल बिहारी लाल

आजादी की पहली मांग सन् 1857 ईस्वी में पुरजोर तरीके से उठी उसी समय राष्ट्र के ध्वज बनाने की योजना बनी परंतु पहले स्वतंत्रता संघर्ष के परिणाम को देखकर झंडे की मांग बीच में ही अटक गई । वर्तमान स्वरूप में विद्यमान झंडा कई चरणों से होकर गुजरा है । प्रथम चित्रित ध्वज स्वामी विवेकानंद…

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जनगण मन अधिनायक जय है…. !

— कुशलेन्द्र श्रीवास्तव सूरज की उदित होती किरणों के साथ लहर लहर लहरा रहा है हमारा तिरंगा……..हम हुए थे स्वतंत्र 15 अगस्त 1947 को इसे याद दिलाने के लिए । वैसे भी हम भारतवासी कहां विस्मृत कर पाते हैं आजादी की लड़ाई को और अंग्रेजों की तानाषाही को । हर पल याद रहता है हमें…

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स्वतंत्रता दिवस का जश्न –  स्वतंत्र कौन ?

जनता या चोर (शासन-प्रशासन का विशेष ध्यानाकर्षण) आज के दिन यह शीर्षक पढ़कर थोड़ा अजीब अवश्य लगेगा किन्तु पत्रकार का धर्म है कि सत्य को सामने रखे। जी हाँ, दिल्ली की बात करें विशेषकर लाजवंती गार्डन, नई दिल्ली-110046 की जिसमें गली नम्बर 8 में 5 जून को दिन दहाड़े चोरी की घटना घटित होती है।…

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सुख और आनन्द

दिनांक—10-7-2024 , टाइम्स आफ इंडिया,-द स्पीकिंग ट्री में एक आर्टिकल पढ़ा -It is easy to invite joy in your life.यह विशुद्ध अनुभूत उस खुशी की बातें करता हुआ सा प्रतीत हुआ जो मानव मन की  वह अवस्था है जिसे मुदितावस्था कहते हैं और जिसे अक्सर हृदय की संकीर्ण भावनाओं के तहत ,सांसारिक हानि लाभ, ईर्ष्या…

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विकास की रफ़्तार में पिछड़ रहा पश्चिम बंगाल, यूपी का भी हो पुनर्गठन

     पंकज कुमार मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी  यूपी सीमा का दायरा बड़ा है, अलग पूर्वांचल राज्य जरुरी हो गया है क्यूंकि यहां के  लोग  किसानी और बेरोजगारी से तंग आ चुके है। युवा पलायन कर रहें। वहीं पश्चिम बंगाल के कई जिले मुख्य धारा से अलग थलग पड़े है । दोनो राज्यों…

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” न समझे वो अनाड़ी है” — कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

“समझने वाले समझ गए, जो न समझे वो अनाड़ी है ” यह तो गाने की पंक्तियां हैं पर इन्हें वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों से जोड़ कर भी देखा जा सकता है । वित्त मंत्री ने संसद में बजट प्रस्तुत किया और हंगामा खड़ा हो गया । वैसे विगत कुछ वर्षों से यह महसूस किया जाने लगा…

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पानी में डूबने के कारण एवं बचने के उपाय

बरसात में देश के विभिन्न क्षेत्रों में नदी, नहर, कुआँ, तालाब, गहरे गड्डे, झील, पोखर, जल प्रपात आदि जलाशयों में स्नान करने, जानवर नहलाने या कपड़े धोने जैसे रोज़मर्रे के काम के दौरान विभिन्न कारणों से अनजाने में बच्चों, किशोर-किशोरियों तथा वयस्क व्यक्तियों की डूबने से मृत्यु होती रहती है। सावधानी, सतर्कता एवं जागरूकता के…

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अपनी कटु हंसी पर फ़िदा महंगाई

राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव हाय ! कितनी प्यारी कटु हंसी से हंसे वे । वे तो भूल भी गए कि वो एक राज्य के कृषि मंत्री हैं । नेता तो ऐसे ही भूल जाते हैं, उवे च्यवनप्रास खाते हुए भी भूलने की बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं । उत्तर प्रदेष के कृषि मंत्री…

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ग्लोबल वार्मिंग प्रमुख वैश्विक समस्या

ग्लोबल वार्मिंग वर्तमान समय की प्रमुख वैश्विक पर्यावरणीय समस्या है। यह एक ऐसा विषय है कि इस पर जितना सर्वेक्षण और पुनर्वालोकन करें, कम ही होगा। आज ग्लोबल वार्मिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिज्ञों, पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों की चिंता का विषय बना हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड की…

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