हर बीतते क्षण के साथ यूक्रेन का संकट बढ़ रहा है। अघोषित तौर पर यूक्रेन पर रूस का हमला हो चुका है। रूस के टैंक पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क और लुहांस्क में दाखिल हो चुके हैं और रूसी सैनिक विद्रोहियों के साथ मिलकर यूक्रेन सेना के नियंत्रण वाले इलाके की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच गोलाबारी भी बढ़ गई है। गोलाबारी की चपेट में आकर यूक्रेन के एक सैनिक के मारे जाने और छह के घायल होने की खबर है। पता चला है कि रूस की योजना स्वतंत्र घोषित किए डोनेस्क और लुहांस्क के उन हिस्सों पर भी कब्जा करने की है जिन पर विद्रोहियों का कब्जा नहीं था। इसके चलते रूसी सैनिकों का यूक्रेन सेना के साथ टकराव होना तय है।
नाटो देशों का आक्रामक रुख
नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के इन तीन सदस्य देशों के अतिरिक्त अमेरिका व सहयोगी देश पोलैंड, रोमानिया और हंगरी में भी सैन्य तैनाती बढ़ा रहे हैं। जिन देशों में सैन्य तैनाती बढ़ाई जा रही है वे सभी रूस के पड़ोसी देश हैं। लेकिन इस सबसे बेपरवाह रूस यूक्रेन पर अपना दबाव बढ़ा रहा है। रूस ने बेलारूस में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है और वहां पर अस्थायी सैन्य अस्पताल भी स्थापित कर दिया है। रूस में पहले से ही 30 हजार सैनिक मौजूद हैं। बेलारूस यूक्रेन का पड़ोसी देश है और उसकी सीमा से यूक्रेन की राजधानी कीव की दूरी सिर्फ 75 किलोमीटर है। माना जा रहा है कि रूसी सैनिकों का कीव पर हमला यहीं से होगा।
बाइडन बोले- यह रूसी हमले की शुरुआत
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है- यह रूसी हमले की शुरुआत है। जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन में दाखिल हुए सैनिक शांतिरक्षक हैं, वे वहां की स्थिति नियंत्रित करने के लिए गए हैं। पता चला है कि रूस की योजना स्वतंत्र घोषित किए डोनेस्क और लुहांस्क के उन हिस्सों पर भी कब्जा करने की है जिन पर विद्रोहियों का कब्जा नहीं था। इसके चलते रूसी सैनिकों का यूक्रेन सेना के साथ टकराव होना तय है। इस बीच रूस ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि यूक्रेन की सेना पूर्वी यूक्रेन के स्वतंत्र हुए इलाके में बर्बर नरसंहार कर रही है, उसे रोका जाना चाहिए।