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एक निर्णय इस कदर, इतिहास पर भारी पड़ेगा

एक कतरा अन्न ज्यों, उपवास पर भारी पड़ेगा एक आंसू भी कभी, उल्लास पर भारी पड़ेगा आने वाली पीढ़ियों को, याद होगा आज का दिन एक निर्णय इस कदर, इतिहास पर भारी पड़ेगा यशपाल सिंह

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इतिहास बदलते बदलते भूगोल बदल डाला,

इतिहास बदलते बदलते भूगोल बदल डाला, मोदी व शाह की जोड़ी ने माहौल बदल डाला। कुछ सिरफिरे आज भी हैं गद्दारी पे आमादा, साहस भरे कदम ने उन्हें बेनकाब कर डाला। आज देश की जीत हुयी है, राष्ट्रवादी विचारों नें काश्मीर फ़तह किया है, ये भारत मां की विजय हुयी है, आजादी के बाद से…

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धारा तीन सौ सत्तर से मुक्ति (घनाक्षरी )

सुखद घड़ी है आई सबको देते बधाई धारा तीन सौ सत्तर से मुक्ति जो पाई है। धैर्य और योजना से ऐसा पासा फेंक डाला कश्मीरी नेताओं की शामत जो आई है। जिन्हें छोड़ना पड़ा था कश्मीर रातों रात आज उन्हें न्याय वाली किरण दिखाई है घर घर दीप जले आज मोदी जी सारे ही भारत…

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भारत का वर्तमान नेतृत्व सशक्त और सतर्क है

भारत का वर्तमान  नेतृत्व  सशक्त और सतर्क है,राष्ट्रहित में  निर्णय  लेने  में  सजग और निडर है.धारा 370 काअब कश्मीर में रहा न नामोनिशान,कश्मीर से कन्याकुमारी तक रहेगा एक संविधान.जम्मू-कश्मीर व लद्दाख  में  सिर्फ तिरंगा फहरेगा, राष्ट्रध्वज के सामने वहां जयहिंद का नारा गूंजेगा.भारतमाता के आँगन का  जन्नत है जम्मू-कश्मीर,धारा 370 की विदाई से चमकेगी उसकी तकदीर. इस…

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मुख्य धारा में जुड़ना चाहती है कश्मीर की जनता

भारत का वर्तमान  नेतृत्व  सशक्त और सतर्क है,राष्ट्रहित में  निर्णय  लेने  में  सजग और निडर है.धारा 370 काअब कश्मीर में रहा न नामोनिशान,कश्मीर से कन्याकुमारी तक रहेगा एक संविधान.जम्मू-कश्मीर व लद्दाख  में  सिर्फ तिरंगा फहरेगा, राष्ट्रध्वज के सामने वहां जयहिंद का नारा गूंजेगा.भारतमाता के आँगन का  जन्नत है जम्मू-कश्मीर,धारा 370 की विदाई से चमकेगी उसकी तकदीर. इस…

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नौकरी (लघुकथा)

प्रमाणपत्रों की फाइल उठाये सुधा रोज कहीं न कहीं, किसी न किसी आफिस में नौकरी मिलने के लिए चक्कर लगाती किंतु नौकरी की जगह उसे लोगों की नापती, तौलती, लिप्सा भरी नजरें हर जगह मिलती बिना पति के दो छोटे बच्चों के साथ पेट पालना कितना दुष्कर कार्य होता है यह उसने पिछले चार महीने में…

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एल्यूमिनियम से दूरी; स्वास्थ्य से दोस्ती

पाक कला स्वयं में एक संपूर्ण विज्ञान है। जिसे  समझना  स्वस्थ  शरीर की इच्छा   रखने  वालों के लिए   नितांत आवश्यक है। भोजन कैसे बनाए से लेकर किस पात्र में बनाएं तक सबकुछ  अति आवश्यक  है।  पुराने समय में भोजन पकाने  के लिए  तांबे व लोहे के पात्रों का प्रयोग किया  जाता था।  तथा  दोनों ही…

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अगस्त का मस्त महीना

अगस्त माह की बात निराली चहुं ओर छा जाती हरियाली लेकर आता ये रक्षाबंधन त्योहार हर्षित करता बहन-बेटी का प्यार घर की रौनक जब घर में आती आंगन कली- कली खिल जाती किलकारी से गुंजित होता आंगन जैसे उल्लसित हो उठे धरा गगन अगुवाई में बाजार हो जाते गुलजार जैसे सालों से हो बहनों का…

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ग़ज़ल के मिसरे को मिसरे से जोड़ा जाता है

ग़ज़ल के मिसरे को मिसरे से जोड़ा जाता है   तमाम रात ग़मों को निचोड़ा जाता है पुराने जाल से बाहर निकलना मुश्किल है इसीलिये तो रवायत को तोड़ा जाता है उतर गये हैं तो अब जीतना ही मंज़िल है कहाँ यू हमसे भी  मैदान छोड़ा जाता है उठाना पड़ता है फिर हाथ गर नहीं…

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