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हीमा

तुम द्युति गति अनन्त सीमा हो श्वासों का ऊर्जित प्रवाह ऊषा प्रस्फुट हीमा हो! °°°°°°°° तुम गति लय भारत की तुम उत्तंग शिखर पताका तुम गौरवपथधावक विजयी तुम अग्निशिखा शलाका! ••••••••• तुम धीरजधात्री धरणी तुम लक्ष्यभेदक करणी तुम एकलव्य पार्थ हो भारत अस्मिता भवतरणी! °°°°°°°° तुम जठराग्नि अभाव तुम अकिंचन दबाव हो तुम प्रभंजन नियतिकाल…

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