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जस्टिस एसए बोबडे बनेंगे भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली: जस्टिस शरद अरविंद बोबडे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. जस्टिस बोबडे वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद बोबडे  18 नवंबर को कार्यभार संभालेंगे जो देश के 47वें चीफ जस्टिस होंगे….

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जाने कहां गये वो दिन

यह बताते हुए अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय पाक्षिक समाचार पत्र् ‘उत्कर्ष मेल’ इस अंक (1–15 नवम्बर) के साथ दसवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है । प्रभु कृपा और आपका प्यार है । सम्पादकीय लिखते समय सर्वप्रथम उन दो विभूतियों को मैंने भी नमन किया और भावों से…

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ये चाक जिगर के सीना भी जरूरी है

ये चाक  जिगर के सीना  भी जरूरी है कुछ रोज़ खुद को जीना  भी जरूरी है ज़िंदगी रोज़ ही नए कायदे सिखाती  है बेकायदे होके कभी पीना भी जरूरी है सब यूँ ही दरिया पार   कर जाएँगे क्या सबक को डूबता सफीना भी जरूरी है  जिस्म सिमट के पूरा ठंडा न पड़  जाए  साल में …

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मिट्टी के दीये

कुम्हार   बना   मिट्टी   से,मिट्टी   के   दीये   बनाये। अपने   आप    से   अपने   आप   को   बनाने   के  हुनर   से   ‘ नीर ‘   का   मन   अचंबित   हो  जाये।। जोड़ तोड़ करता जीवन को,फिर जीवन कैसे चलाये। ईर्ष्या – द्वेष के धागों पर क्यों चतुराई के मोती चढ़ाये।। जगमगाते दीयो ने कभी ना किसी से समझौता किया। अपनी  रौशनी …

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मोदी सरकार के कुछ अनसुलझे कदम !

हाल ही मे एन आर सी एक ऐसा मुद्दा रहा जिस पर ओवैसी और बदरुद्दीन अजमल जैसे दंगापसन्द  लोगो को बोलने का मौका मिल गया । एन आर सी जैसे कदम वाकई उचित और देशहित मे है । ये हर राज्य मे लागू होना ही चाहिए । किन्तु ऐसे अन्य कई फैसले जो मोदी सरकार…

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कभी यह दर ना छूटे

कोई जाए काबा, कोई जाए काशी, कोई जाए चारों धाम। मेरे लिए तो सबसे बड़ा है गुरु द्वार इस दुनिया में सबसे प्यारा है तेरा दरबार। हम पर सदा कृपा रहे तेरी और सतगुरु तेरा प्यार।। कभी गुरु ना हमसे रूठे कभी यह दर न छूटे हम बच्चे गुरु तेरे, अब रखना लाज हमारी हर…

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प्रकाशोत्सव की बधाई बँटे हर दिल से नफरती धुँध छँटे

जिस परमपिता ने जीवन का उपहार दिया मत उसे सँहार दो प्यासी है हर आत्मा ग़र हो सके तो सबको निस्वार्थ प्यार दो आज हर तरफ हिंसा और आक्रोश का बोलबाला है, जिसने समूची मानवता को अपनी गिरफ़्त में लेकर चौपट कर दिया है। कहीं मज़हब के नाम पर बारूदी हमले हो रहे हैं, तो…

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एक खुशी यह भी

                हल्की हल्की बारिश हो रही थी और हवा भी सर्द थी । रजाई में ही बैठे बैठे थोड़ी सी गर्म चाय मिल जाती तो कितना अच्छा होता पर नहीं ऐसा नहीं हो सकता था। घर में गहमागहमी का मौसम पसरा पड़ा था क्योंकी दादी जी की हालत ख़राब थी । कुछ समय बाद उनको…

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इसी ज़मीन पर

धरती को नरक बनाने वालों चले हो चांद-सितारों के सफर पर रहना धरती पर ही है कब तक उडो़गे लगाकर यांत्रिक पर । मालिक जाने क्‍या होगा सितारों का गर बस गये तुम क्‍या निकल पडे़ हो प्रदूषण, जनसंख्‍या और सर्वनाश करने आसमान पर । तुम चाहते तो बना सकते थे धरती पर स्‍वर्ग किन्‍तु…

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सब्ज़ी मेकर

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी इस दीपावली वह पहली बार अकेली खाना बना रही थी। सब्ज़ी बिगड़ जाने के डर से मध्यम आंच पर कड़ाही में रखे तेल की गर्माहट के साथ उसके हृदय की गति भी बढ रही थी। उसी समय मिक्सर-ग्राइंडर जैसी आवाज़ निकालते हुए मिनी स्कूटर पर सवार उसके छोटे भाई ने रसोई…

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