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मिट्टी के दीये

कुम्हार   बना   मिट्टी   से,मिट्टी   के   दीये   बनाये। अपने   आप    से   अपने   आप   को   बनाने   के  हुनर   से   ‘ नीर ‘   का   मन   अचंबित   हो  जाये।। जोड़ तोड़ करता जीवन को,फिर जीवन कैसे चलाये। ईर्ष्या – द्वेष के धागों पर क्यों चतुराई के मोती चढ़ाये।। जगमगाते दीयो ने कभी ना किसी से समझौता किया। अपनी  रौशनी …

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मोदी सरकार के कुछ अनसुलझे कदम !

हाल ही मे एन आर सी एक ऐसा मुद्दा रहा जिस पर ओवैसी और बदरुद्दीन अजमल जैसे दंगापसन्द  लोगो को बोलने का मौका मिल गया । एन आर सी जैसे कदम वाकई उचित और देशहित मे है । ये हर राज्य मे लागू होना ही चाहिए । किन्तु ऐसे अन्य कई फैसले जो मोदी सरकार…

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कभी यह दर ना छूटे

कोई जाए काबा, कोई जाए काशी, कोई जाए चारों धाम। मेरे लिए तो सबसे बड़ा है गुरु द्वार इस दुनिया में सबसे प्यारा है तेरा दरबार। हम पर सदा कृपा रहे तेरी और सतगुरु तेरा प्यार।। कभी गुरु ना हमसे रूठे कभी यह दर न छूटे हम बच्चे गुरु तेरे, अब रखना लाज हमारी हर…

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प्रकाशोत्सव की बधाई बँटे हर दिल से नफरती धुँध छँटे

जिस परमपिता ने जीवन का उपहार दिया मत उसे सँहार दो प्यासी है हर आत्मा ग़र हो सके तो सबको निस्वार्थ प्यार दो आज हर तरफ हिंसा और आक्रोश का बोलबाला है, जिसने समूची मानवता को अपनी गिरफ़्त में लेकर चौपट कर दिया है। कहीं मज़हब के नाम पर बारूदी हमले हो रहे हैं, तो…

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एक खुशी यह भी

                हल्की हल्की बारिश हो रही थी और हवा भी सर्द थी । रजाई में ही बैठे बैठे थोड़ी सी गर्म चाय मिल जाती तो कितना अच्छा होता पर नहीं ऐसा नहीं हो सकता था। घर में गहमागहमी का मौसम पसरा पड़ा था क्योंकी दादी जी की हालत ख़राब थी । कुछ समय बाद उनको…

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इसी ज़मीन पर

धरती को नरक बनाने वालों चले हो चांद-सितारों के सफर पर रहना धरती पर ही है कब तक उडो़गे लगाकर यांत्रिक पर । मालिक जाने क्‍या होगा सितारों का गर बस गये तुम क्‍या निकल पडे़ हो प्रदूषण, जनसंख्‍या और सर्वनाश करने आसमान पर । तुम चाहते तो बना सकते थे धरती पर स्‍वर्ग किन्‍तु…

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सब्ज़ी मेकर

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी इस दीपावली वह पहली बार अकेली खाना बना रही थी। सब्ज़ी बिगड़ जाने के डर से मध्यम आंच पर कड़ाही में रखे तेल की गर्माहट के साथ उसके हृदय की गति भी बढ रही थी। उसी समय मिक्सर-ग्राइंडर जैसी आवाज़ निकालते हुए मिनी स्कूटर पर सवार उसके छोटे भाई ने रसोई…

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एक सौ पचासवीं जयन्ती पर

एक सौ पचासवीं जयन्ती मना रहा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की, पक्ष/विपक्ष मित्र/शत्रु सभी दिखते हैं गांधी के विचारों पर एकमत, आज भी प्रासंगिक हैं उनके विचार/ शिक्षाएँ, तभी तो हुनर को मिलने लगा सम्मान स्वच्छता मन/तन की घर/बाहर/आसपास की ईमानदारी की शर्त अपने लिए सबसे पहले यही तो कहते रहे सदा, सुना/पढ़ा सब लोगों…

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“पांव ज़मीन पर निगाह आसमान पर” लेख संग्रह का भव्य लोकार्पण

वरिष्ठ लेखिका सविता चड्ढा के सद्य: प्रकाशित लेख संग्रह   “पांव ज़मीन पर निगाह आसमान पर”  का भव्य लोकार्पण पंजाब केसरी सभागार में पंजाब केसरी की चेयरपर्सन किरण चोपड़ा द्वारा किया गया।इस अवसर पर दिल्ली एवं दिल्ली से  दूर स्थानों से लेखक ,साहित्यकार शामिल हुए। इस अवसर पर अश्वनी कुमार, स्वामी, संपादक और श्रेष्ठ पत्रकार  पंजाब केसरी ने पधारकर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान…

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दीया

मिट्टी ढ़ो ढ़ो कांधे-सिर भार कुम्हार का जुटा परिवार ; गढ़ेंगे दिया भरूकी चाक पर खभारू यापन जीवन संसार! ⭐ रौशनी दूर से टिमटिम झांके अनुरागी आगत को मनाने, हांथ बांध कमर कस तैयार जीवन अंधस तिमिर भगाने! ⭐ फोड़ती माटी का ढ़ेला उदह पानी माटी फुला रही, पैरों से रौंद रौंद कर वह गारा…

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