आलोकित रहे हिंदुस्तान
सलामत रहे सारा जहान। दिलों में बचा रहे ईमान। आसमां के सितारों की तरह, आलोकित रहे हिंदुस्तान।। छल बल से नहीं चलता देश, कुटिल रावण-सा धरो न वेष। कुछ गुंडों के कोलाहल से, कभी बदलता नहीं परिवेश। नभ में कितने मेघ घने हों, परंतु सूर्य निकलता ही है। सत्य पर कई परदे डालो, लेकिन सत्य…