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आंधे की माक्खी राम उड़ावै

हमारी बोलचाल, प्यार, उलाहनों और कहावतों में रचे बसे है श्रीराम    — डॉo सत्यवान सौरभ,   राम-राम जी। हरियाणा में किसी राह चलते अनजान को भी ये ‘देसी नमस्ते’ करने का चलन है। यह दिखाता है कि गीता और महाभारत की धरती माने जाने वाले हरियाणा के जनमानस में श्रीकृष्ण से ज्यादा श्रीराम रचे-बसे हैं।…

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कोरोना काल!कैसा हाल!!

बड़ी अजीब विडम्बना है, जब चार माह पूर्व जब कोरोना शुरुआती चरण में था तो लोग सजग थे,  पूरी सावधानी बरत रहे थे पर अब जब कोरोना ने विकराल रूप धारण कर लिया है,24 लाख से ऊपर केस हो गये, रोज़ पचपन-साठ हज़ार केस आ रहे हैं,यही हाल रहा तो दिसम्बर आते आते यह संख्या…

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करते सिक्के शोर !

क़तर रहे हैं पंख वो, मेरे ही लो आज ! सीखे हमसे थे कभी, भरना जो परवाज़ !! आखिर मंजिल से मिले, कठिन साँच की राह ! ज्यादा पल टिकती नहीं, झूठ गढ़ी अफवाह !! अब तक भँवरा गा रहा, जिसके मीठे राग ! वो तितली तो उड़ चली, कब की दूजे बाग़ !! वक्त-वक्त…

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होइए वहीं जो राम रचि राखा !

” राम ही जाने ,राम की लीला ” यह महज एक सोच ,एक भाव नहीं अपितु पूर्ण सत्यता है । “जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन्ह तैसी”  का परम भाव भी जागृत हुआ, लोगो ने 5 अगस्त को अयोध्या में जो हलचल ,जो त्योहार देखा उसमें निश्चित ही उन्हे रामराज्य नजर आया होगा…

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लघुकथा – 15 अगस्त और दादी माँ की आशाएं

          पंकज की दादी 15 अगस्त की सुबह जल्दी से ही तैयार हो गयी थी।जैसा कि उसे मालूम था कि 15 अगस्त पर सभी टीवी के समाचार चैनलों पर भारत देश के सैनिकों को दिखाया जाता है।हर बार की तरह वह भी अपने पोते पंकज की एक झलक पाने के लिए टीवी के सामने बैठ…

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15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता दिवस का इतिहास : कर्नल सारंग थत्ते (सेवा निवृत्त)

हमारी आज़ादी की लड़ाई में 9 अगस्त 1942 का दिन बेहद महत्वपूर्ण था जब गाँधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा की थी. यह वह समय था जब दूसरा विश्व युद्ध अपनी चरम सीमा पर था. अमेरिका को हार का ख़तरा नज़र आ रहा था, इसलिए राष्ट्रपति रूज़वेल्ट ने कर्नल जॉनसन को भारत भेजा था…

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हद कर दी आपने

“अरे स्वति सुन तेरे लिए बड़ा ही अच्छा लड़का ढूढ़ा है बिटिया हलवाई है हलवाई बड़ा अच्छा कमा लेता है, यह ले फोटो देख।” अम्मा ने बड़ी प्रसन्नता से स्वाति को यह खुशखबरी दी। उत्सुकतावश फोटो को अम्मा से लेकर देखते ही गुस्से से लाल पीली होती स्वाति बोली “अम्मा यह तो बुढढा है कम…

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हिन्दुस्तान

देश हमारा जान से प्यारा, प्यारी मिट्टी हिन्दुस्तान की। आंच न आने देंगे इसपर, कसम है अपने जान की। देश -प्रेम से ओतप्रोत है , देश का मेरे हरइक वासी। करते हम सम्मान सभीका, पहचान है हिन्दुस्तान की ‌। आन पर आये बात अगर , फिर खैर नहीं शैतान की। भारतमां के चरणों में हम,…

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” आजादी एक सपना है।”

आजादी आज भी एक परिकल्पना है।  स्वतंत्र भारत अब भी बस एक सपना है। गुलामी अब अंग्रेजों की नहीं है बे रोजगारी और भ्रष्टाचार की है।     कश्मीर की है, लद्धाख की है    क्रंदन करते यू पी और बिहार की है। आजादी की लड़ाई में आंदोलन और कुर्बानी में।     आजाद भारत वो नवयुवक…

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आज़ादी के बाद कितने आज़ाद

अब हमें 74वें स्वतंत्रता दिवस पर इस बात का गहनता से विचार करना है कि आज तक कितना स्वरूप बदला,बदला भी है, तो दिशा सकारात्मक है क्या? इतनी अधिक जनसंख्या औऱ विविधता से भरे राष्ट्र में सबको साथ ले कर चलना,सब को बराबर मान-सम्मान देना,किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे,इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी…

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