दिनांक १४ मार्च २०२१ का दिन अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्थाके लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा क्योंकि “अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था” की ओर से, होली के उपलक्ष में, “होली की बहार, काव्य की बौछार” कार्यक्रम का भव्य आयोजन, रोहिणी (दिल्ली) में कार्यक्रम आपकीं दोस्त Madhu Madhubala Labana जी के निवास स्थान पर सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हुआ। अभिव्यक्ति मंच विगत छः वर्षों से, प्रतिवर्ष होली पर इस प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से कवि/कवयित्रियाँ उपस्थित रहे ।अभिव्यक्ति मंच का सदैव प्रयास रहा है कि साहित्य का प्रचार प्रसार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो और सौहार्द और भाईचारे का माहौल बने। संस्था के ‘प्रतीक चिन्ह’ में विश्व के इर्द गिर्द हाथ बांधे बच्चे दिखाए गए है। मुझे खुशी है मेरे पतिदेव हरविंदर लबाना जी ने भी इस आयोजन में मेरा हाथ बांटा।
अभिव्यक्ति मंच के ऑनलाइन ग्रुप से जुड़े लोग विभिन्न राज्यों से इस कार्यक्रम में सम्मलित हुए। सदस्य जिनमें पीलीभीत से अबिनाश चंद्र मिश्र एवम उनकी पुत्री स्वाति मिश्रा जी थी।अभिव्यक्ति मंच की प्रथम सदस्य नीलोफर नीलू जी देहरादून से उपस्तिथ रहीं । दिल्ली से रजनीश गोयल जी एवम कामिनी ग्रोवर जी थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आ० आरिफ़ देहलवी जी ने की। अनुराधा प्रकाशन दिल्ली के प्रधान सम्पादक आ० मनमोहन शर्मा शरण जी मुख्य अतिथि और डॉ. चन्द्रसैन विशिष्ट अतिथि रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ आपकीं मित्र मधुबाला द्वारा सरस्वती वंदना तथा अध्यक्ष महोदय, विशिष्ट अतिथि और मुख्य अतिथि द्वारा पुष्पार्पण से हुआ तत्पश्चात लगभग सवा बारह बजे नाश्ता और शीतल पेय परोसे गए। मधुबाला जी एवं आ० अबिनाश चन्द्र मिश्र जी ने संचालन की बागडोर संभाली तथा प्रत्येक प्रतिभागी को सुंदर मुक्तक एवं असरदार शेरों से आमंत्रित किया।
इस काव्यपाठ में दिल्ली और दूर दराज से आनेवाले अनेक कवि/कवयित्रियों ने भाग किया। इन लोगो में पीलीभीत से आ० अबिनाश चन्द्र मिश्र जी, देहरादून से नीलोफ़र नीलू, आ० जगदीश मीणा जी, आ० जावेद अब्बासी जी, आ० असलम बेताब जी, अबिनाश जी की बेटी स्वाति मिश्रा, रजनीश गोयल जी, रामश्याम हसीन जी, निधि मानवी , संगीता चौहान ‘सदफ़’ जी, विभा राज जी, सुरभि वर्मा, आ० सिकंदर मिर्ज़ा जी, किशोर श्रीवास्तव जी, जितेंद्र प्रीतम जी, अर्चना गोयल ‘माही’, राजेश तंवर जी, खुशबू, मनीषा यादव, कामिनी ग्रोवर जी, राजीव तनेजा, मनोज मानव जी और निवेदिता मिश्रा झा जी ने अपने सुंदर काव्यपाठ व गज़लों से अनुपम समां बांध लिया। जहाँ होली के हुड़दंग में हास्य रचनाएँ और सुंदर ग़ज़लें सुनने को मिलीं, वही असलम बेताब जी की ग़ज़ल ने सबकी आँखे नम कर दीं। कार्यक्रम की सफ़लता के लिए सबने भूरि भूरि प्रशंसा की। अंत में स्वादिष्ट भोजन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। – मधु मधुबाला (संस्थापक-अध्यक्ष , अभिव्यक्ति)