शिव शंकर भोले भंडारी ,
तेरी महिमा ही बड़ी निराली,
मस्तक पर है त्रिनेत्र,
कहते इनको त्रिपुरारी ।
विषधर नीलकंठ में शोभा पाते,
हिमकर जटा में सजाते,
गले में मुण्ड माल है पहनते,
कैलास में ये वास करते ।
सावन माह है अति पावन ,
शक्ति ने किया शिव वरण,
शक्ति शंकर को है अति प्रिय,
शक्ति करती शिव को समर्पण।
सावन मास शिव भक्तों को प्रिय ,
करते वो अभिषेक आराधना,
करते वो व्रत उपवास ,
प्रसन्न करते वो शिवशंकर को ,
भक्त पाते आशीर्वाद शिव शक्ति का ,
मिलता कुँवारी को पति शिव सा ,
भक्त पाते भार्या शक्ति सी ,
शिव शंकर भोले भंडारी ,
तेरी महिमा है न्यारी ।
मंजू लता , राजस्थान