हम ने खुदा से अर्ज की;ऐ रब ! सबों पर रहम कर|
सब को दिखा वह रास्ता, जो हो मुहब्बत की डगर|
हम को फरिश्ता मत बना; बंदा बना कुछ काम का,
अवसाद और गम कम करें , हमदर्द बन इंसान का|
दुनिया में दुख और दर्द है; एहसास हम इसका करें,
न रहें कभी अभिमान में, और न किसी को दर्द दें|
हम हैं तुम्हारे कर्जदार ; इस बात को भूलें नहीं,
कहते जिसे अपना यहाँ, रह जाएगा सबकुछ यहीं|
सेवा समर्पित भाव हो; आनंद का न अभाव हो,
जीवन जले बस दीप सा, मृदुल मधुर स्वभाव हो|
लें फूल से हम प्रेरणा ; जो बांटता सौन्दर्य सुख,
सुरभित पवन प्रवाह में, मिले सब को परम-सुख|
गुलाब काँटों पर खिला ; बस बांटता मुस्कान है,
इंसान सीखे प्रकृति से , संघर्ष में कल्याण है|
संघर्ष से जो भागता ; दुनिया उसे नहीं पूछती,
स्वीकारता संघर्ष जो , दुनिया उसे ही पूजती|