सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत के लोह पुरुष के नाम से जाना जाते हैं ।सरदार वल्लभ भाई पटेल जी भारत के पहले उपराष्ट्रपति और गृहमंत्री थे। उन्हीं के जन्मदिवस के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत को राष्ट्र बनाने में सरदार जी की अहम भूमिका है पटेल जी वैसे तो पेशे से वकील थे, परंतु उन्होंने अपने जीवन काल में हर मुद्दे पर बात की। जाति -पाति और ऊंच-नीच ,अमीर -गरीब के भेदभाव को समाप्त करना चाहते थे। और उन्होंने इसकी इसके लिए बहुत कदम भी उठाए । उन्ही के प्रयास से ही भारत में राष्ट्रीय एकता की लहर दौड़ी।
राष्ट्रीय एकता दिवस इसलिए क्योंकि सरदार जी चाहते थे कि सभी धर्म ,जाति को भूलाकर एक हो जाए तो हमारे राष्ट्र को कोई छू भी नहीं सकता और यह बात सच भी है। जब सभी एक सूत्र में बंध जाएंगे तो कौन भला उन्हें तोड़ सकता है ।उनके महान विचारों के कारण ही भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात में सरदार जी की भव्य मूर्ति का निर्माण करवाया है। जिसका ‘नाम स्टैचू ऑफ यूनिटी ‘ रखा गया है।
हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा मूर्ति का उद्घाटन किया गया।यह मूर्ति गुजरात के केवड़िया में स्थित है। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है।जो नर्मदा नदी पर स्थित है। इसे पूरा करने में लगभग 4 वर्ष का समय लगा। काम तो बहुत बड़ा था परंतु सरकार के प्रयास और लगन से इसे जल्द ही पूरा कर लिया गया।सरकार को पूर्ण विश्वास है कि इस मूर्ति से देश में आय के स्रोत बढ़ेंगे । इस मूर्ति को देखकर भारत के साथ-साथ विदेशी लोग भी अच्छे से समझ जाएंगे कि भारत के इंजीनियर कितने कुशल हैं। सरदार जी की मूर्ति इसलिए क्योंकि उन्होंने देश में राष्ट्रीय एकता को बहुत बढ़ावा दिया और स्वतंत्रता आंदोलन में भी उन्होंने कई बार भाग लिया है। देश को राष्ट्रीय एकता के सूत्र में पिरोने के कारण सरदार जी के जन्मदिन के दिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। अखंड भारत में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और यह भव्य मूर्ति उसी का प्रतीक है।
सीमा रंगा इन्द्रा
हरियाणा