आज चीकू बहुत ही उदास बैठा है ।घर का माहौल भी गमगीन है ।आज उसके प्यारे दादा जी भगवान के घर चले गये । रोज उनके साथ ही रहता था। दादाजी भी उसका बहुत ही ख्याल रखते थे । अंदर गया तो देखा कि दादी जी रो रही थी और बहुत ही उदास थी। जब वो पास गया तो दादी जी से बातें करना लगा । दादी जी भी खुश होकर बातें करने लगी।
चीकू की मम्मी ने देखा तो वो खुश हो गयी कि माँ जी चीकू के साथ खुश है । थोड़ी देर में चीकू के साथ ही दादी जी खाना खाने लगी। खाना खाने के बाद चीकू ने कहा कि -“दादी जी मैं आप के पास ही सो जाऊँ। ” तो उसकी दादी जी ने हाँ कर दिया।
सोते वक्त उसको परियों की कहानी सुनाती और अब उसके साथ लुडो ,साँप सीढ़ी और दूसरे खेल भी खेलती।
घर वाले बहुत ही खुश हो गये कि अब चीकू की दादी को अकेलापन नहीं सता रहा है। उसके साथ खुश भी है । चीकू का सारा समान भी दादी के कमरे में रख दिया गया। दोनों दादी पोता साथ में बहुत ही खुश है।चीकू के कोई भाई बहन नहीं है और दादी जी भी अकेली तो दोनों को नया साथी मिल गया । दादी भी अपने पोते के साथ छोटी बच्ची बन जाती। दोनों बड़े ही प्रेम से रह रहे है।
–मंजुलता