मन बुद्धि और ध्यान को योग में लगाओ,
और प्यारे प्रभु की कृपा से आनंदमई जीवन बिताओ!
सारे फिकर को सौंप दो और योग में सिर्फ घ्यान दो,
सब सरल हो जाएगा जीवन कमल खिल जाएगा,
सकारात्मक पे सोच लो,नकारात्मक को छोड़ दो,
एक बार योग का दामन तुम थाम लो,सारे फिकर त्याग दो!
स्वास्थ के साथ तुम मन आत्मा भी निरोगित करो,
अमृत बेले में उठ कर तुम नित्य प्रतिदिन योग करो,
बाबा से तुम बाते करो उससे तुम मुलाकाते करो,
ध्यान के द्वारा तुम सारे तनाव दूर करो,
सभी यौगिक शक्तियों का हैं,सुंदर एक खजाना,
यौगिक क्रिया कलापों द्वारा सक्रीय इन्हें बनाना,
अमृत बेले का यह मेहनत देगी जीवन को आंनद,
कर लो अपनी मुठ्ठी में मानसिक और शरीरिक शेहद का राज बंद!
स्वयं के परिवर्तन से विश्व का परिवर्तन होगा,
हम अगर स्वस्थ रहेंगे तो पूरा विश्व मन और तन से स्वस्थ बनेगा।
लेखिका मनीषा झा