सबके मन में बसे हैं राम,
जय जय जय जय जय श्री राम|
सजी अयोध्या आओ धाम,
जय जय जय जय जय श्री राम||
कब आयेगें प्रभु धनु धारी,
राह देखते सब नर नारी,
करता नही कोई कुछ काम
जय जय जय जय जय श्री राम|
बेर लिए बैठी है शबरी,
उत्सुक है किष्किंधा नगरी,
इन्तजार में हो गई शाम,
जय जय जय जय जय श्री राम
घायल देखो पड़ा जटायु
कम दिखती है उसकी आयु
करे याद , तुम्हे करे प्रणाम,
जय जय जय जय जय श्री राम|
सरयू के तट व्यग्र बड़े हैं
भरत पादुका लिए खड़े हैं
हनुमत करते नही विश्राम
जय जय जय जय जय श्री राम
शालिनी शर्मा