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विकास के नाम पर लूट-खसोट अपराध है

विकास के नाम पर लूट-खसोट अपराध है,आम गरीब जनता के  साथ विश्वासघात है.जनता को  जागने व जगाने की जरूरत है,हक की हकीकत  समझने  की  जरूरत है.गरीबों के  घर में भूख, भय और बीमारी है,आम आदमी का शोषण आज भी जारी है.किसान को अमीर लोग अन्नदाता कहते हैं,उनकी मजबूरी का फायदा  खूब  उठाते हैं.बद से बदतर…

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पिता की वाणी में मिठास व माधुर्य कम

डॉक्टर सुधीर सिंह पिता की वाणी  में  मिठास व माधुर्य कम, अनुशासन का  कड़वापन  बहुत  रहता है. जिस संतान ने इस रहस्य को समझ लिया, उसका पारिवारिक  जीवन  सुखी रहता है. पिता को चिंता  है  बच्चों  के  भविष्य  की, इसलिए संतान को वह पुरुषार्थी बनाता है. निष्ठुर,अनुशासित  एक दृढ़  गुरु  की तरह, चुनौतियों से  लड़…

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आलोचना की प्रासंगिकता

 डॉ. अवधेश कुमार ‘अवध’ आलोचना, समीक्षा या समालोचना का एक ही आशय है, समुचित तरीके से देखना जिसके लिए अंग्रेजी में ‘क्रिटिसिज़्म’ शब्द का प्रयोग होता है। साहित्य में इसकी शुरुआत रीतिकाल में हो गई थी किन्तु सही मायने में भारतेन्दु काल में यह विकसित हुई। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का इसमें महती योगदान है…

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बजट

बजट के माध्यम से बढेगी गरीबों,मजदूरों, किसानो और महिलाओ की शक्ति सभी क्षेत्रों में योजनाओं से होगी वृद्धि राष्ट्र की बढेगी आर्थिक समृद्धि । अमीरो की हाय-हाय गरीबों का सौभाग्य अतिरिक्त टैक्स चार प्रतिशत गरीबों के लिए लाएगा अनेक वित्तीय उपहार। टेक्स स्लैब में बदलाव नहीं पाँच लाख आमदनी वालो को टैक्स देने का अधिकार…

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बरसती फुहारें

बरसती फुहारों में झूमे है मन, चलो उड़ जायें कहीं दूर चलो । लगा पंख मांग किसी पंक्षी के, चलो आज गगन के पार चलो। सारी उलझनें सुला कर कोने में, खुशियों के संग उड़ जायें चलो। कहां से आया है झूमता बादल , चलो इन बादलों के साथ चलो। गीत सीखेंगे कोयल से हो…

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अनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 13 पुस्तकों का हिंदी भवन में होगा भव्य लोकार्पण

विभिन्न प्रदेशों से जुड़े साहित्यकारों के साझा संकलन 1. काव्य अमृत 2. कथा संचय 3. सीप में मोती 4. हास परिहास 5. दिव्य चेतना का लोकार्पण विश्व विख्यात कवयित्री डॉक्टर सरोजिनी प्रीतम, प्रसिद्ध गीतकार, पत्रकार पंकज शर्मा जी , राष्ट्रीय हास्य कवि महेंदर शर्मा जी , कविता मल्होत्राजी , मधु मधुबाला , मनमोहन शर्मा ‘शरण’…

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‘यश त्रिपाठी’ को जन्मदिवस की शुभकामनाये एवं आशीर्वाद

करली बहुत शैतानी, अब तो स्कूल जाना हैकरके खूब पढ़ाई, दुनियाँ में नाम कमाना है। आज जन्म की तीसरी वर्षगाँठ है। पिता का नाम-       रोहित त्रिपाठीदादा का नाम-       एनजी त्रिपाठी,कवि,लेखक व                          व्यंगकारजन्म           –       देवशयनी एकादशीनिवास         –       नई दिल्ली अनुराधा प्रकाशन , उत्कर्ष मेल परिवार की और से ‘यश’ को आशीर्वाद यश त्रिपाठी परिवार की कीर्ति…

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लघुकथा- चौकीदार और चोर

रामभरोसे शहर नया-नया आया था।वह एक सड़क से गुजर रहा था। एक सोसायटी के सामने बहुत ही हो हल्ला हो रहा था। काफी भीड़ जमा थी।  रामभरोसे की भी मामले को जानने की उत्सुकता बढ़ी, वह भीड़ के पास गया और एक आदमी से पूछा, भाई क्या हुआ? आदमी बोला, कुछ नहीं इस सोसायटी के…

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“रहे उजाला हर दिल में,ना कोई तमस हो बारह महीने हर दिन बसँती प्रेम दिवस हो”

ना रहे किसी भी रूह में, मैं मेरी की हवस उतरे हर दिल में इश्क ए इब़ादत, तो मने समस्त ब्रह्माण्ड में बसँती एक प्रेम दिवस कितने भाग्यशाली होते हैं वो बच्चे जिन्हें उच्च शिक्षा के अवसर अपने देश में भी मिलते हैं और विदेशों में भी।अगर समाज के ये तथाकथित उच्च शिक्षित विद्वान अपनी…

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पराया घर पराये बोल

शमिता के ससुराल मैं कोहराम मचा हुआ था। जो कोई आता सहानुभूति के साथ-साथ दो टूक शब्द ऐसे कह जाता जो कलेजे को अंदर तक चीर जाते। शमिता के आँख के आँसू तो अब जैसे सूख गये थे, बस मूर्तिवत आने-जाने वालों को देखती रहती। कोई कहता” अरे पहाड़ सी जिंदगी पड़ी है कैसे कटेगी”…

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