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बदलते ज़माने की रंग बदलती होली

आज हम जो होली मनाते हैं, वह पहले की होली से काफ़ी अलग है। पहले, यह त्यौहार लोगों के बीच अपार ख़ुशी और एकता लेकर आता था। उस समय प्यार की सच्ची भावना होती थी और दुश्मनी कहीं नहीं दिखती थी। परिवार और दोस्त मिलकर रंगों और हंसी-मजाक के साथ जश्न मनाते थे।  जैसे-जैसे समय…

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होली में बिखरे रंग

होली में बिखरे रंग गुलालपीले हरे गुलाबी लालयमुना तट तरु तमाल             होली खेले बृज नन्द लाल       सखी सखा मिल किये धमालझूमे गायें मिलायें तालटेसू पीसें सुमन संभालरंगें केसरिया पट गाल पूजें गौरी गणेश चन्द्रभालनाचें काशी बूढ़े संग बालपीसें मेवा सिलबट्टा डालभाँग में दिये सभी घुटाललगाये भोग दर्शी त्रिकालमेवा मिठाई गुजिया थालआवन को है नव सालदिये बधाई मिल…

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-एक परिचय

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की अधिकारिक तौर पर यु0एन0{सन्युक्त राष्ट्र}ने 1975 में मान्यता दी थी.वैसे दर्जा मिल चुका था.1913 1910 में कफेगन के सम्मेलन में इसे अंतरराष्ट्रीय का में प्रथम विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर रुसी महिलाओं द्वारा 8 मार्च को यह दिवस मनाया गया.इसी समय यूरोप ओर उतरी अमेरिका में हुए श्रमिक आंदोलन से…

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 ‘बुरा न मानो होली है : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

बुरा न मानो होली है ……अब तो कोई बुरा मानता भी नहीं है और न ही कोई रंग से भय खात है, वैसे कोई किसी को रंग लगाता भी नहीं है, सारे चेहरे स्याह रंग में यूं ही रंगे हुए हैं । राजनीति के मैदान में रंगों का त्यौहार तो चलता ही रहता है, वो…

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होली

खेल रहे सब गली गली में  साथ अबीर की झोली है। गाते और झूमते सब जन  साथी आज तो होली है। हाथ लिए पिचकारी डोले तरह तरह के रंग साथ में। भाग रहा कोई आगे आगे पीछे रंग ले कोई हाथ में। बहुत दिनों के बाद सजी सबके ही द्वार रंगोली है। कान्हा औ गोपाल…

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यूक्रेन युद्ध के तीन साल और हाल फिलहाल

तीन साल पहले, रूस ने यूक्रेन के खिलाफ एक भाईचारे वाला ‘विशेष सैन्य अभियान’ शुरू किया, जिसने 1945 के बाद से सबसे खूनी यूरोपीय युद्ध को जन्म दिया। रूस की लाल रेखाओं की याद दिलाने के लिए योजनाबद्ध संघर्ष एक भीषण युद्ध में बदल गया। यूक्रेन जो  एक लचीला और पश्चिमी समर्थन से लैस देश…

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की सभी महिलाओं को बहुत बहुत शुभकामनाएँ : सीमा शर्मा

हम महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ स्वयं उठानी है न कि मध्य संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है माँ अर्थात वार्ता के रूप में नारी की धरती पर अपने सबसे पवित्रतम रूप में है न कि नारी को ईश्वर ने जन्मदात्री के रूप में उतारा है  नारी ही…

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शबरी से द्रौपदी मुर्मू तक का सफर (महिला दिवस विशेष)

भारतीय संस्कृति स्त्री शक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। शक्ति को इस पूजा के एक मूलभूत पहलू के रूप में मनाया जाता है। प्राचीन ग्रंथ मनुस्मृति में कहा गया है, “जहाँ भी महिलाओं का सम्मान किया जाता है, वहाँ देवता मौजूद होते हैं,” जो समाज में महिलाओं के सम्मान…

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आखिर क्यों लोग वोट देने क्यों नहीं निकल रहे?

क्या नागरिक कथित राजनीतिक तानाशाही से उत्पीड़ित महसूस कर रहे हैं और ब्रिटिश राज की याद कर रहे हैं? क्या लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण चुनावी प्रक्रिया में रुचि कम हो रही है? ये ज्वलंत प्रश्न समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उठाए जा रहे हैं, जो चुनावों में मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट से उजागर…

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