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‘सीखते हुए कमाएं’ योजना को मज़बूत और सार्थक बनाने की ज़रूरत है।

सार्थक व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए ‘सीखते हुए कमाएँ’ योजना को मज़बूत करना अनिवार्य है। यह दृष्टिकोण सैद्धांतिक शिक्षा के साथ व्यावहारिक अनुभव को एकीकृत करता है, जिससे रोजगार क्षमता बढ़ती है। पर्याप्त समर्थन, उद्योग सहयोग और नीति समायोजन इसकी प्रभावशीलता को बढ़ा सकते हैं, शिक्षा को वास्तविक दुनिया की माँगों के साथ…

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“रत्नव” त्रिदिवसीय नाट्य महोत्सव का आयोजन

23 नवंबर 2024 को हिन्दी रंगमंच की अग्रणी संस्था ‘रत्नव'(रमा थिएटर नाट्य विद्या) का तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव दिल्ली के ‘श्री राम सेंटर’ में  पूरी भव्यता से आरंभ हुआ। महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता और देश में एसिड -अटैक  की शिकार लड़कियों के लिए वर्षों से…

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ठंड के रंग बेढंग

लो फिर शीत ऋतु आ गई  लो फिर शीत ऋतु आ गई।  छाया सा है कोहरा कोहरा  अंधियारा सा पसरा पसरा  धुंधली सी धुंध छा गई।  लो फिर शीत ऋतु आ गई । शाखों पर पंछी सहमें सहमे  कोतूहल से बहमें बहमें  क्यों दिन में रात आ गई।  लो फिर सी ऋतु आ गई है।…

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एड्स का जागरुकता ही बचाव है

विश्व एड्स दिवस ( 1 दिसंम्बर) पर विशेष++++++++++++++++++++++++++++++++++लगातार थकान,रात को पसीना आना,लगातार डायरिया,जीभ/मूँह पर सफेद धब्बे,सुखी खांसी,लगातार बुखार आदी रहने पर एड्स की संभावना हो सकती हैं।++++++++++++++++++लाल बिहारी गुप्ता लाललगभग 200-300 साल पहले इस दुनिया में मानवों में एड्स का नामोनिशान तक नही था। यह सिर्फ अफ्रीकी महादेश में पाए जाने वाले एक विशेष प्रजाति…

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तूफान में धराशायी विपक्ष

राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव एक बहुत बड़ मंत्र मिल गया है राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने के लिए ‘‘लाड़ली बहिना’’  । पिछले साल मध्यप्रदेश के चुनावों में इस मंत्र को सिद्ध किया गया, परिणाम बेहतर आए तो अब हर एक चुनावी राज्यों में इस का प्रयोग किया जाने लगा ‘‘आओ बहिना तुम हमे वोट…

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ठंड के रंग बेढंग

लो फिर शीत ऋतु आ गई  लो फिर शीत ऋतु आ गई।  छाया सा है कोहरा कोहरा  अंधियारा सा पसरा पसरा  धुंधली सी धुंध छा गई।  लो फिर शीत ऋतु आ गई । शाखों पर पंछी सहमें सहमे  कोतूहल से बहमें बहमें  क्यों दिन में रात आ गई।  लो फिर सी ऋतु आ गई है।…

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ताटक छ्न्द : राम

राम नाम सबसे ही प्यारा, कहते सारे ज्ञानी हैं। जो भूला मूरख कहलाया, वही बड़ा अज्ञानी है। राम नाम की डोरी पकड़ो, मिलता सहज सहारा है। हाथ पकड़ कर जो भी रखते,भव से पार उतारा है। माया की नगरी यह दुनिया, लालच ने भरमाया है। चार दिनों का जीवन पाया, नहीं समझ क्यों पाया है।…

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सही जीवन शैली अपनाकर एचआईवी संक्रमण से बचा जा सकता है

1 दिसंबर विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विशेष डॉ मनोज कुमार तिवारी वरिष्ठ परामर्शदाता ए आर टी सेंटर, एस एस हास्पिटल, आई एम एस, बीएचयू, वाराणसी एचआईवी की पहचान के चार दशक बाद भी यह एक विश्वव्यापी समस्या बना हुआ है। एचआईवी वायरस मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को  कमजोर करता है जब…

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‘में कौन हूँ ‘ काव्य संग्रह का लोकार्पण 7 दिसम्बर को होगा

‘में कौन हूँ’ शीर्षक से वर्तमान पुस्तक श्री नवीन कुमार चड्ढा जी द्वारा रचित दूसरी पुस्तक है . इनकी पहली पुस्तक ‘अलौकिक संवाद’ शीर्षक से प्रकाशित हो चुकी है जो की कविताओं का संकलन है. उपरोक्त दोनों ही पुस्तकें काव्य संग्रह हैं और अनुराधा प्रकाशन द्वारा इनका प्रकाशन हुआ है .इनकी वर्तमान पुस्तक ‘मे कौन…

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