1.कमल आसना शारदा, करो मेरा उद्धार।
विद्वजनों में मान हो,लेखन में हो धार।।
2.
विद्या दान महा दान , समझो रे नादान।
किसी को शिक्षित न किया,तो कैसे विद्वान।।
3.
विद्यावान बनें सभी,करें राष्ट्र निर्माण ।
बेटा बेटी सब पढ़ें,तब ही हो उत्थान।।
4.
बेटी को पढ़ाने में क्यूँ आती है लाज ।
बेटा भविष्य न बदले,बेटी बदले आज।।
5.
कैसी है यह आपदा, मुश्किल में संसार।
पल पल मरती ज़िंदगी, साँसे लेत उधार।।
6.
मात पिता सम न कोई,सच्ची जिनकी प्रीत।
मतलब के रिश्ते सभी,कोऊ न सच्चा मीत।।
7.
ईर्ष्या द्वेष जला रहे , ये सारा भूलोक।
जैसे दुधारू पशु को, चिपट जात है जोंक।।
8.
करुणा सज्जन करत हैं, दुष्ट लगावत घात।
कड़वी दवा बिन कहाँ,दुष्ट रोग है जात।।
9.
शत्रु को जो क्षमा किये, फिर करता उत्पात।
आदत स्वान कब बदले,उनकी ओछी जात।।
🌹मधु मधुबाला🌹