आज विश्व में आई विपदा चारों ओर है त्राहिमाम
चीनी भाई ने दिया कोरोना जिसने मुसीबत में डाली है जान
आज युद्ध की घड़ी है आयी पर तैयार खड़ा है हिंदुस्तान
बहनों – भाईयों न घबड़ाओ होशो-हवाश से लो सब काम
माना वैरी है बड़ा बलशाली पर हम भी हैं बुद्धिमान
दें सफाई पर ध्यान हम खुद के, तनिक करें घर में विश्राम
दूरी तनिक बना कर सबसे अनुशासन में जियें हम
समय- समय पर हाथ को धोएँ नहीं छुएँ किसी का तन
नाक, मुँह और आँख को ढँक कर संक्रमण से रहें हम दूर
नहीं मिलाएँ हाथ किसी से चाहे हों भी कितने मजबूर
अगर चाहते कोरोना को हराना, भारतीयता को अपनाओ फिर आज
योग- प्राणायाम और शाकाहार से खुद को बनाओ स्वस्थ इंसान
करो प्रश्न तुम आज ये खुद से क्यूँ ये संकट गहराया है
प्रकृति के कहर के आगे आज क्यूँ महान विज्ञान भी शरमाया है?
प्रकृति के साथ हुए अन्याय का आज वो बदला लेती है
कि मानवता की मर्यादा लांघने की सज़ा हमें आज देती है…
©अभिनव शरण ‘अंकुर’